फोर्ड मोटर्स: जानिए मस्टैंग और एंडेवर जैसी बेहतरीन गाड़ियां बनाने वाली इस कंपनी का इतिहास
क्या है खबर?
फोर्ड मोटर्स कंपनी को कौन नहीं जानता, अमेरिका की ऑटोमेकर फोर्ड कंपनी लगभग 120 वर्षों से अधिक समय से वाहनों का निर्माण कर रही है और साल दर साल कंपनी ने बेहतरीन कारें बनाई हैं।
यहां तक कि 'ले मैंस' रेस में भी इसने फेरारी को भी पछाड़ दिया था। कंपनी ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जहाजों और युद्धक वाहनों का निर्माण भी किया था।
आइये इस दिग्गज कंपनी के इतिहास के बारे में जानते हैं।
शुरुआत
कब हुई थी इस कंपनी की स्थापना?
फोर्ड की स्थापना 1903 में हेनरी फोर्ड और उनके बेटे एडसेल सहित 12 लोगों ने की थी। हेनरी को मशीन से बनी सभी चीजों से प्यार था और उनके नाम पर 161 पेटेंट रिकॉर्ड हैं।
एडिसन इल्यूमिनेटिंग कंपनी में थॉमस एडिसन के साथ काम करते हुए हेनरी फोर्ड ने साल 1896 में ही 4 साइकिल पहियों के साथ गैस से चलने वाली क्वाड्रिसाइकिल का निर्माण कर लिया था।
फोर्ड, लिंकन ब्रांड के तहत भी अपने वाहनों को बेचती है।
गाड़ी
1908 में फोर्ड ने लॉन्च की थी अपनी पहली क्वाड्रिसाइकिल
1896 में बनी क्वाड्रिसाइकिल के अपडेटेड वेरिएंट 'मॉडल T' को कंपनी ने 1908 में लॉन्च किया और इसकी कीमत 260 डॉलर रखी गयी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने इसकी 1.6 करोड़ से अधिक यूनिट्स की बिक्री की थी।
इसके अलावा हेनरी को श्रेय दिया जाता है कि मूविंग असेंबली लाइन के पीछे इन्हीं का दिमाग था। हेनरी ने कारखानों में असेंबल होने वाली कारों के तरीके को ही बदल दिया, जिससे वाहन के उत्पादन में एक बड़ा सुधार हुआ।
वाहन
फोर्ड: कारों से लेकर युद्ध वाहनों तक
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फोर्ड ने अमेरिका के लिए हवाई जहाज बनाना शुरू किया और हजारों फोर्ड मॉडल T का निर्माण किया, जिनका उपयोग एम्बुलेंस, डिलीवरी ट्रक और युद्ध वाहनों के रूप में किया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध में भी कंपनी ने B-24 लिबरेटर बमवर्षक, 86,000 से अधिक विमान और 57,000 हवाई जहाज के इंजन बनाए थे। इसके अलावा कंपनी ट्रैक्टरों का भी निर्माण करती थी, जिनकी बिक्री भारत में भी होती है।
रेस
रेस में कई दिग्गज कंपनियों को भी हरा चुकी हैं फोर्ड की गाड़ियां
फोर्ड कंपनी की लोकप्रियता की बात करें तो फोर्ड ने दुनिया की सबसे पुरानी स्पोर्ट्स कार रेस 'ले मैंस' के 24 घंटे की रेस में पोर्शे, लेम्बोर्गिनी और फेरारी जैसी दिग्गज कंपनियों की कारों को पछाड़ दिया था।
1966 में जब फोर्ड ने अपने GT40 के साथ रेस में प्रवेश किया तो उसने फरारी की 6 साल की जीत के सिलसिले को समाप्त कर यह खिताब अपने नाम किया। फोर्ड ने लगातार 4 वर्षों तक इस चैंपियनशिप का खिताब जीता।
बिक्री
भारतीय बाजार में फोर्ड
फोर्ड मोटर्स ने साल 1995 में भारतीय बाजार में कदम रखा। फोर्ड एस्कॉर्ट देश में कंपनी की पहली गाड़ी थी। फोर्ड इकोस्पोर्ट्स, फिगो, फोर्ड मस्टैंग और एंडेवर जैसी गाड़ियों को देश में सबसे अधिक पसंद किया गया।
इकोस्पोर्ट्स कंपनी की बेस्ट सेलिंग कार रही। हालांकि, लंबे समय से देश में भारी नुकसान उठाने की वजह से कंपनी ने अक्टूबर 2021 में देश से अपना कारोबार समेट लिया। जुलाई, 2022 में कंपनी ने अपनी अंतिम इकोस्पोर्ट्स को रोलआउट किया।
फोर्ड
भारत में अभी भी खरीदी जा सकेंगी फोर्ड की गाड़ियां
फोर्ड केवल निर्यात के लिए भारत में रहकर इंजन का निर्माण कर रही है। साथ ही कंपनी देश में फोर्ड सर्विस, आफ्टरमार्केट पार्ट्स और वारंटी सपोर्ट के साथ फुल कस्टमर सपोर्ट ऑपरेशंस मुहैया कराएगी।
कंपनी चुनिंदा आउटलेट्स के माध्यम से मस्टैंग कूपे, मस्टैंग इलेक्ट्रिक जैसी कारों की बिक्री करेगी। इन्हें भारत में CBU के रूप में बेचा जाएगा। वहीं भारत में प्लांट्स बंद होने के कारण इनमें बनने वाले मॉडलों की बिक्री भी बंद कर दी गई है।
वर्तमान
वर्तमान में फोर्ड कंपनी
फोर्ड कंपनी दिग्गज वहान निर्माता कंपनी में से एक है। कंपनी के वाहनों को विश्वभर में पसंद किया जाता है। वर्तमान में जेम्स "जिम" डी फ़ार्ले जूनियर फोर्ड मोटर कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
फोर्ड मोटर कंपनी का टर्नओवर (2022) लगभग 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है। कंपनी का मुख ऑफिस डियरबॉर्न, मिशिगन, संयुक्त राज्य अमेरिका में है।
भारत में कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को टाटा मोटर्स ने खरीद लिया है।