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इलेक्ट्रिक कारों में भी बिगड़ सकती है तबीयत, जानिए क्या है इसके पीछे कारण 
इलेक्ट्रिक कारों में सफर करने से कुछ लोगों को मोशन सिकनेस हो सकता है (तस्वीर: अनस्प्लैश)

इलेक्ट्रिक कारों में भी बिगड़ सकती है तबीयत, जानिए क्या है इसके पीछे कारण 

Jul 22, 2025
08:33 pm

क्या है खबर?

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोगों का झुकाव धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक कारों की तरफ बढ़ रहा है। कार निर्माता भी ग्राहकों की बदलती सोच को भुनाने के लिए अपनी रणनीति बदलकर इलेक्ट्रिक मॉडल ला रही हैं। एक शोध ने इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों की चिंता बढ़ा दी है। इसमें दावा किया है कि EVs लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही हैं। आइये जानते हैं इलेक्ट्रिक कार के स्वास्थ्य के अलावा और क्या-क्या नुकसान हैं।

मोशन सिकनेस 

इलेक्ट्रिक कारों में क्यों होता है मोशन सिकनेस?

फ्रांस में हुई अध्ययन के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार में बैठे लोगों को मोशन सिकनेस हो रहा है। इस दौरान उन्हें चक्कर आना, सिरदर्द, उलटी होना, जी मचलने जैसी कई दिक्कतें आ रही हैं। जानकारों का मानना है कि ICE कारों में इंजन का शोर और कंपन उसमें बैठने वालों को गति का अहसास कराते हैं, लेकिन EVs में शोर न के बराबर होता है। इससे मस्तिष्क और वेस्टिबुलर सिस्टम के बीच तालमेल में कमी मोशन सिकनेस की वजह बनता है।

वजह 

इन कारणों से भी हो सकती है तबीयत खराब 

इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी और मोटर सिस्टम की वजह से इलेक्ट्रिकल मैग्नेटिक फील्ड (EMF) बनाते हैं। कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि लंबे वक्त तक EMF के संपर्क में रहने से सिरदर्द, थकान और नींद में दिक्कत हो सकती है। इन गाड़ियों ब्रेकिंग सिस्टम की वजह से ऐसा हो रहा है। इनमें रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होता है। जब ब्रेक दबाते ही कार में झटके लगते हैं और कंपन होता है। इस वजह से सवारियां असहज महसूस करती हैं।

हादसा 

हादसे का रहता है खतरा 

इलेक्ट्रिक कारों के आवाज नहीं करने के कारण सड़क पर चलने वाले लोगों को भी इसका आभास नहीं होता, जिससे वे सतर्क नहीं हो पाते। इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसी को देखते हुए कई कार निर्माता इनमें ICE मॉडल्स की तरह आवाज उत्पन्न करने के सिस्टम पर काम कर रही हैं। इससे सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों को EV के आने का आभास हो सके और वे सावधान हो जाएं।

कमियां 

इलेक्ट्रिक कारों में ये भी हैं कमियां 

स्वास्थ्य के अलावा इलेक्ट्रिक कारों में सीमित ड्राइविंग रेंज की समस्या रहती है। इसके अलावा इन गाड़ियों को चार्ज होने में लगने वाला लंबा समय भी दिक्कत पैदा करता है। EV चार्जिंग स्टेशन की पर्याप्त संख्या का अभाव भी इसे अपनाने में बड़ी बाधा है। इन गाड़ियों की महंगी कीमत के कारण भी हर किसी के लिए इन्हें खरीदना आसान नहीं है और इन गाड़ियों की बैटरियों को रीसायकल करना भी बड़ी चुनौती है।