
क्रेडिट कार्ड से जुड़े आम मिथक, जिन पर आपको नहीं करना चाहिए विश्वास
क्या है खबर?
भारत में क्रेडिट कार्ड आम जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से जुड़ी कई गलतफहमियां लोगों को गलत फैसले लेने पर मजबूर कर देती हैं। खासकर 2025 जैसे समय में, जब क्रेडिट नियम कड़े होते जा रहे हैं, सही जानकारी जरूरी है। गलतफहमियां जैसे- बैलेंस रखना सही है, स्कोर जांचने से स्कोर घटता है या कार्ड बस आपात स्थिति में ही काम आते हैं। ये सब नुकसानदेह हो सकते हैं और क्रेडिट स्कोर को गिरा सकते हैं।
#1
स्कोर बढ़ाने के सही और गलत तरीके
कई लोग सोचते हैं कि बैलेंस बनाए रखना स्कोर सुधारता है, जबकि सच्चाई इसके उलट है। समय पर पूरा भुगतान करना ही क्रेडिट स्कोर सुधारता है। इसके साथ ही, यह मानना कि स्कोर चेक करने से स्कोर घटता है, गलत है। आप जब खुद स्कोर चेक करते हैं, तो कोई असर नहीं होता। CIBIL जैसी एजेंसियां अब साल में एक बार मुफ्त रिपोर्ट देती हैं, जिससे आप अपना रिकॉर्ड ठीक से समझ सकते हैं और उसमें सुधार कर सकते हैं।
#2
समझदारी से करें कार्ड का इस्तेमाल
यह सोच कि कार्ड सिर्फ जरूरी समय में इस्तेमाल किया जाए, अब पुरानी हो चुकी है। नियमित और जिम्मेदारी से कार्ड इस्तेमाल करने से न केवल आपका स्कोर सुधरता है, बल्कि कैशबैक, छूट और अन्य फायदे मिलते हैं। कई कार्ड रखना गलत नहीं है, अगर आप सभी का भुगतान समय पर करते हैं। इससे आपका क्रेडिट उपयोग अनुपात बेहतर होता है, जो स्कोर बढ़ाने में मदद करता है। पुराने कार्ड बंद न करें, क्योंकि इससे हिस्ट्री छोटा हो सकता है।
#3
शुल्क और भुगतान को लेकर सच्चाई
बहुत से लोग सोचते हैं कि न्यूनतम राशि चुकाना ही पर्याप्त है, जबकि ऐसा करने से ब्याज बढ़ता है और कर्ज का बोझ भी। हमेशा पूरी देय राशि चुकाना ही बेहतर होता है। कुछ कार्ड बिना वार्षिक शुल्क के दिखाए जाते हैं, लेकिन इनमें अन्य शुल्क छिपे हो सकते हैं जैसे विलंब शुल्क या विदेशी लेनदेन शुल्क। इसलिए कार्ड लेने से पहले उसकी शर्तें ध्यान से पढ़ें। सही जानकारी और जागरूकता से ही आप बेहतर वित्तीय निर्णय ले सकते हैं।