विदेशी कार कंपनियों के पास भारत में पैर जमाने का दूसरा मौका, EV निर्माण पर जोर
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री बढ़ रही है। सरकार की तरफ से इन्हे अपनाने के लिए कई तरह के लाभ दिए जा रहे हैं, जिससे कई नई और देश से अपना कारोबार समेट चुकी पुरानी ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना बना रही है। फोर्ड, जनरल मोटर्स और डेटसन जैसी कई कंपनियों ने भारत में अपना उत्पादन बंद कर दिया है, लेकिन EVs के आगमन से इन्हें पैर जमाने का दूसरा मौका मिल रहा है।
कार कंपनियों को कैसे मिल रहा दूसरा मौका?
कम बिक्री के कारण कई विदेशी कार निर्माताओं को भारत में अपना उत्पादन बंद करना पड़ा था। हालांकि, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ती मांग के कारण अगर ये कंपनियां कुछ किफायती विकल्प के साथ देश में प्रवेश करती हैं तो इन्हे अपनी बिक्री बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। बता दें कि 1980 तक देश में महंगी गाड़ियां उपलब्ध थी। ऐसे में मारुति ने अपनी 800 लॉन्च की। किफायती होने के कारण लोगों ने इसे खूब पसंद किया था।
EVs के लिए ये कंपनियां कर रही बड़ा निवेश
MG मोटर्स देश में 500 करोड़ रुपये निवेश कर EV बनाने के लिए नई फैक्ट्री बना रही है, जिसकी मदद से कंपनी भारत में प्रति वर्ष 3 लाख गाड़ियों का उत्पादन करेगी। कंपनी 2028 तक 5 नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भी देश में लॉन्च करने वाली है। हुंडई मोटर इंडिया भी एक इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। साथ ही कंपनी राजमार्गों पर 100 चार्जिंग स्टेशन और 2032 तक नए इलेक्ट्रिक मॉडल भी पेश करेगी।
भारत में 3 नई गाड़ियां लाएगी रेनो
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में रेनो अपनी ऑल-इलेक्ट्रिक मेगन के साथ प्रवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी इसे अगले साल देश में लॉन्च करेगी। मेगन इलेक्ट्रिक को CMF-EV प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इसके अलावा कंपनी रेनो क्विड और रेनो डस्टर को भी अगले साल इलेक्ट्रिक वेरिएंट में उतार सकती है। इसके लिए कंपनी निसान के साथ मिलकर भारत में लगभग 490 करोड़ रुपये निवेश करने वाली है।
भारत में हो सकती है फोर्ड EV की बिक्री
साल 2021 में फोर्ड ने भारत से अपना कारोबार समेट लिया था। हालांकि, देश में कंपनी EV की बिक्री कर सकती है। कुछ समय पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली थी। कंपनी आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के विस्तार के लिए भारत में अपने प्लांट का उपयोग निर्यात के लिए करेगी। फोर्ड भारत में भी इन गाड़ियों को बनाने की योजना पर भी काम कर रही है।