3 सालों में दोगुना से ज्यादा बढ़ी वैकल्पिक ईंधन वाली कारें, ये रहा है कारण
क्या है खबर?
देश में पेट्रोल-डीजल के दाम अधिक होने के कारण वैकल्पिक ईंधन से चलने वाली कारें पिछले 3 साल में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गई है।
महानगरों में बिकने वाली हर 5 में से 1 इलेक्ट्रिक कार, हाइब्रिड या CNG कार होती है।
2020 की तुलना में इस साल शहरी इलाकों में इन गाड़ियों की संख्या 4.68 प्रतिशत से बढ़कर 12.95 प्रतिशत हो गई है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 3.75 फीसदी से बढ़कर 8.39 फीसदी पर पहुंच गई है।
कारण
वैकल्पिक ईंधन में अब आते हैं कई मॉडल
ऑटोमोटिव कंसल्टेंसी जाटो के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 साल के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डीजल और पेट्रोल वाहनों की संयुक्त हिस्सेदारी में क्रमशः 8.27 फीसदी और 4.64 फीसदी की गिरावट आई है।
जानकारों मनाना है कि इसके पीछे वैकल्पिक ईंधन से संचालित मॉडल्स के अधिक विकल्प, CNG फ्यूल स्टेशन और EV चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार जैसे कुछ कारण हैं।
इसके अलावा पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में बढ़ती जागरूकता से भी ग्राहकों की मानसिकता बदली है।
टाटा मोटर्स
टाटा की डीजल कारों की घटी बिक्री
इसको लेकर टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, "डीजल संचालित वाहनों की बिक्री में गिरावट आ रही है। हम 2040 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पर स्विच कर जाएंगे।"
इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कंपनी अगले कुछ महीनों में 6 EV पेश करने पर विचार कर रही है।
कंपनी की कुल बिक्री में डीजल संचालित वाहनों की हिस्सेदारी 88 फीसदी से घटकर 15 फीसदी रह गई है।