अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यौन उत्पीड़न के आरोप, महिला ने कोर्ट में दी गवाही
यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मंगलवार को जेसिका लीड्स नाम की महिला ने न्यूयॉर्क के सिविल ट्रायल कोर्ट में बताया कि 1970 के दशक के अंत में ट्रंप ने अमेरिका में एक फ्लाइट में उनका यौन उत्पीड़न किया था। इस महिला ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी लेखिका ई जीन कैरल के दुष्कर्म और मानहानि के मुकदमे में ये गवाही दी है।
क्या है मामला?
लीड्स, लेखिका कैरल से जुड़े मामले में गवाही देने कोर्ट पहुंची थीं ताकि ये साबित किया जा सके कि ट्रंप यौन दुराचार के मामलों में लिप्त हैं। कैरल का आरोप है कि ट्रंप ने 1990 के दशक के मध्य में मैनहट्टन में लक्जरी बर्गडॉर्फ गुडमैन डिपार्टमेंटल स्टोर के चेंजिंग रूम में उनका यौन उत्पीड़न किया था। वह ट्रंप पर यौन उत्पीड़न आरोप लगाने वाली 16वीं महिला है। उन्होंने मामले में पिछले साल नवंबर में मुकदमा दायर किया था।
लीड्स ने कहा- ट्रंप ने मेरी स्कर्ट पर रखा था हाथ
लीड्स ने मैनहट्टन की संघीय अदालत को बताया कि वह 1978 या 1979 में न्यूयॉर्क जाने वाली एक फ्लाइट की बिजनेश क्लास में बैठी थी। इस दौरान ट्रंप ने उनकी स्कर्ट पर हाथ रखा था। उन्होंने कहा, "हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई और ये सबकुछ अचानक से हुआ। वह मुझे चूमने की कोशिश कर रहे थे।" हालांकि, ट्रंप ने कहा कि उनके ऊपर ऐसे किसी भी दावे पर कभी भी आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया गया है।
लीड्स ने 2016 में पहली बार ट्रंप पर लगाए थे आरोप
लीड्स ने पहली बार 2016 के चुनाव से हफ्तों पहले द न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में अपने आरोप लगाए, जिसके बाद ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। उस वक्त लगभग एक दर्जन महिलाएं वोट के लिए ट्रंप पर यौन दुराचार का आरोप लगाते हुए आगे आईं। हिलेरी क्लिंटन के साथ राष्ट्रपति पद के लिए बहस के दौरान ट्रंप द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का खंडन करने के बाद लीड्स सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने लगीं।
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सुनवाई कर रहा है कोर्ट
दरअसल, न्यूयॉर्क में एक कानून लागू होने के बाद यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को कथित दुराचार मामलों में ट्रंप पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए 1 साल समय दिया गया था, जिसके बाद कैरल ने ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। अभी मामले में ट्रंप पर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, लेकिन अगर वो हार जाते हैं तो यह पहली बार होगा जब उन्हें यौन उत्पीड़न के आरोप के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा।