डोनाल्ड ट्रंप पर यौन उत्पीड़न का एक और आरोप, लेखिका ने कहा- ट्रंप ने किया रेप
अमेरिका की एक पत्रकार और लेखिका ई जीन कैरल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कैरल ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप ने लगभग दो दशक पहले न्यूयॉर्क के एक स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनका यौन उत्पीड़न किया। इन आरोपों के जवाब में ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि वह आरोप लगाने वाली महिला को नहीं जानते हैं और ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कैरल ने अपनी किताब में किया घटना का जिक्र
कैरल के मुताबिक, यह घटना 1995 या 1996 की जब ट्रंप रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा नाम थे और वह एक टीवी शो होस्ट करती थी। इस घटना का जिक्र कैरल की नई किताब हाइडियस मेन में किया गया है, जिसका कुछ हिस्सा शुक्रवार को न्यूयॉर्क पत्रिका में छपा था। कैरल राष्ट्रपति ट्रंप पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली 16वीं महिला हैं। बता दें, ट्रंप पर लगे सभी आरोप उनके राष्ट्रपति बनने के समय से पहले के हैं।
शॉपिंग के दौरान हुई थी ट्रंप से मुलाकात
75 वर्षीय कैरल ने कहा कि उनकी ट्रंप से मुलाकात मैनहट्टन में एक डिपार्टमेंट स्टोर में शॉपिंग के दौरान हुई थी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वहां दोस्ती भरी मुलाकात थी। ट्रंप ने उनसे किसी महिला के लिए अंडरगार्मेंट खरीदने को लेकर सलाह मांगी। उसके बाद दोनों आपस में मजाक करने लगे। उन्होंने लिखा कि जैसे ही ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद हुआ, ट्रंप ने उन्हें दीवार की तरफ धकलते हुए जबरदस्ती किस किया।
डर के चलते नहीं की पुलिस में शिकायत
कैरल ने लिखा कि ट्रंप ने जबरदस्ती उनके कपड़े उतारते हुए उनका यौन उत्पीड़न किया। बाद में उन्होंने बड़ी मुश्किल से ट्रंप को वहां से बाहर किया और भाग गई। कैरल ने कहा कि ट्रंप के प्रभाव के डर से उन्होंने कभी पुलिस में शिकायत नहीं की। कैरल ने अपनी किताब में लिखा कि वह पहले इसलिए आगे नहीं आई क्योंकि उन्हें मौत की धमकियों, घर से निकाले जाने और बेवजह उन पर कीचड़ उछाले जाने का डर था।
ट्रंप ने किया आरोपों का खंडन
ट्रंप ने ये आरोप सामने आने के बाद कैरल पर पलटवार करते उन्हें 'अटेंशन सीकर' बताया है। ट्रंप ने कहा, "मैं इस महिला से कभी नहीं मिला। वो अपनी किताब बेचने की कोशिश कर रही है। इसे फिक्शन सेक्शन में बेचा जाना चाहिए।" साथ ही उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क पत्रिका एक 'खत्म हो रही प्रकाशन' है और फेक न्यूज फैलाकर खुद को इस स्थिति से उबारना चाहती है। व्हाइट हाउस ने इसे ट्रंप को बदनाम करने की साजिश बताया है।