लॉकडाउन के बीच देश में बढ़ी बेरोजगारी दर, चार में से एक को गंवानी पड़ी नौकरी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है।
यही कारण है कि देश की बेरोजगारी दर में बड़ा उछाल देखने को मिला है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, तीन मई को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 27.11 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इस दौरान चार लोगों में से एक को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।
नौकरी
11.40 करोड़ लोगों को गंवानी पड़ी है नौकरी
CMIE के कार्यकारी चीफ महेश व्यास ने बताया कि मार्च और अप्रैल में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों और छोटे व्यवसायी सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए हैं।
सर्वे के अनुसार इस अवधि में कुल 11.40 करोड़ लोगों की नौकरी गई है। ऐसे में प्रत्येक चार लोगों में से एक को नौकरी गंवानी पड़ी है।
इनमें फेरीवाले, सड़क के किनारे सामान बेचने वाले, निर्माण उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी और कई लोग हैं जो रिक्शा और ठेला चलाकर गुजारा करते थे।
बढ़ोत्तरी
50 दिनों में 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी बेरोजगारी दर
CMIE के अनुसार मार्च के मध्य में देश की बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत से कम थी।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी।
इसी का नतीजा था कि अप्रैल में बेरोजगारी दर 8.74 प्रतिशत से बढ़कर 23.50 प्रतिशत पर पहुंच गई।
लॉकडाउन का दूसरा और तीसरा चरण लागू होते ही यह दर बढ़कर 27.11 प्रतिशत पर आ गई है। CMIE ने इस दर के और बढ़ने की आशंका जताई है।
जानकारी
शहरी क्षेत्रों में ज्यादा बढ़ी है बेरोजगारी दर
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर ग्रमीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में ज्यादा बढ़ती है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 26.69 प्रतिशत है तो कोरोना के रेड जोन क्षेत्रों में यह 29.22 प्रतिशत है। शहरों में लोग अधिक बेरोजगार हुए हैं।
सबसे अधिक
पुड्डुचेरी में सबसे अधिक है बेरोजगारी दर
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दक्षिण भारत के राज्यों में हैं। पुड्डुचेरी में बेरोजगारी दर सबसे अधिक 75.80 प्रतिशत है तो तमिलनाडु में यह 49.80 प्रतिशत है।
इसी तरह झारखंड में बेरोजगारी दर 47.10 प्रतिशत, बिहार में 46.60 प्रतिशत, हरियाणा में 43.20 प्रतिशत, कर्नाटक में 29.80 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 21.50 प्रतिशत और महाराष्ट्र में यह दर 20.90 प्रतिशत है।
यहां आने वाले समय में बेरोजगारी और बढ़ने की आशंका है।
जानकारी
प्रधानमंत्री ने कंपनी मालिकों से की थी नौकरी से न निकालने की अपील
बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी नियोक्ताओं से मानवीय आधार पर अपने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकालने और काम पर नहीं आने के दौरान भी वेतन देने की अपील की थी।
सबसे कम
पहाड़ी राज्यों में सबसे कम है बेरोजगारी दर
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार जहां देश के मैदानी और समुद्र तटीय राज्यों में सबसे अधिक बरोजगारी दर है, वहीं देश के पहाड़ी राज्यों में यह दर सबसे कम है।
मैदानी राज्यों में सबसे अधिक कंपनियां और उद्योग होने के काराण बेरोजगारी दर बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सबसे कम 2.20 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। इसी तरह सिक्किम में यह दर 2.30 प्रतिशत और उत्तराखंड में यह 6.50 प्रतिशत है।
राहत पैकेज
उद्योग जगत को सरकार से पैकेज मिलने का इंतजार
प्रधानमंत्री द्वारा देश में लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद से ही विश्लेषक बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका जता रहे थे।
आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद होने के चलते दिल्ली और मुंबई समेत सभी महानगरों से प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं।
सरकार ने मार्च के आखिरी हफ्ते में 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। अब उद्योग जगत के लोग सरकार से राहत पैकेज मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
जानकारी
अमेरिका में 2.6 करोड़ लोगों ने गंवाई नौकरी
कोरोना महामारी से दुनिया में सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में बेरोजगार हुए हैं। अमेरिका में अब तक करीब दो करोड़ 60 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। इसके चलते उन्होंने सरकार से मिलने वाले बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है।