ब्रिटेन में 2 नाक की दुर्लभ बिल्ली, गोद लेने के लिए उपलब्ध
ब्रिटेन के एक बिल्ली आश्रय स्थल ने पहली बार 2 नाक वाली बिल्ली को आश्रय दिया है। वेरिंगटन में बिल्ली सुरक्षा कर्मचारियों ने उसका नाम 'नैनी मैकफी' रखा है, जिसके चेहरे की दुर्लभ विशेषता जन्मजात असामान्यता का परिणाम है। कर्मचारियों को इस बात का अहसास नहीं हुआ कि नानी मैकफी में यह दुर्लभ विशेषता है और पशु चिकित्सक की जांच से पता चला कि उसकी नाक वास्तव में बड़ी नहीं है, बल्कि उसकी 2 नाकें हैं।
फिल्म 'नैनी मैकफी' के नाम पर रखा गया बिल्ली का नाम
बिल्ली का नाम उनकी अनोखी नाक के कारण 'नैनी मैकफी' नामक फिल्म में एम्मा थॉम्पसन द्वारा निभाए गए किरदार के नाम पर रखा गया था। बिल्ली के गोद लेने वाले बायो में कहा गया है, "मेरे नाम के विपरीत मेरे शरीर में कोई कड़ी हड्डी नहीं है। मैं एक प्यारी, सौम्य जानवर हूं।" बिल्ली गोद के लिए इसलिए उपलब्ध है क्योंकि स्वास्थ्य और वित्तीय कारणों से उसका मालिक अब उसकी देखभाल नहीं कर सकता है।
बिल्लियों में देखी जाने वाली जन्मजात असामान्यताएं
आमतौर पर बिल्लियों में देखी जाने वाली जन्मजात असामान्यताओं में आंख और हृदय दोष, तालु पर कटाव, एक या दोनों अंडकोष गायब होना और उनके सामने के पंजे पर सामान्य से अधिक उंगलियां शामिल होती हैं, लेकिन नानी मैकफी की जन्मजात असामान्यता 2 नाक है। इस साल की शुरुआत में भी बिल्ली आश्रय गृह को एक कैलिको बिल्ली का बच्चा मिला था और उन्होंने उसका नाम 'यूनिकॉर्न' रखा है।
यूनिकॉर्न बहुत खास है- कैट्स प्रोटेक्शन सेंटर
आश्रय गृह के मुताबिक, यूनिकॉर्न बहुत खास है क्योंकि वह नर है, जो 3,000 कैलिको में से केवल एक होता है। कैलिको के बालों का रंग उनके गुणसूत्रों से जुड़ा होता है और आमतौर पर केवल मादा बिल्लियों में ही कैलिको पैटर्न के लिए आवश्यक गुणसूत्र संयोजन होता है। यूनिकॉर्न को एक आश्रय स्वयंसेवक द्वारा पाला गया था, जिसे संदेह था कि बिल्ली का बच्चा नर है। इसके बाद पशु चिकित्सक द्वारा उसके लिंग की पुष्टि की गई थी।
अमेरिका में सामने आया था 2 जुड़ी हुई बिल्लियों का मामला
अमेरिका में फ्रैंक और लुई नामक दो जुड़ी हुई बिल्लियों का मामला सामने आया था। इन बिल्लियों के 2 अलग-अलग चेहरे, नाक और मुंह तो थे, लेकिन इनका दिमाग एक था। इसके अलावा इनकी 3 आंखें थीं। इस तरह की दुर्लभ बिल्लियां शायद ही कभी एक दिन से ज्यादा जिंदा रह पाती हैं, लेकिन फ्रैंक और लुई 15 साल और 87 दिन तक जीवित रहीं, इसलिए उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज किया जा चुका है।