अमेरिका: H-1B समेत 3 अहम वीजाओं के शुल्क में वृद्धि, भारतीय होंगे प्रभावित
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव सिर पर हैं और उससे पहले देश की ओर से प्रदान की जाने वाली विभिन्न श्रेणी की वीजा सेवाओं के शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है। अमेरिका ने H-1B, L-1 और EB-5 जैसे गैर-आप्रवासी वीजाओं के लिए शुल्क वृद्धि की घोषणा की, जो 1 अप्रैल से लागू होगी। इन वीजाओं के शुल्क में आखिरी बार 2016 में वृद्धि हुई थी। अमेरिका जाने वाले भारतीय अक्सर इन्हीं तीनों वीजाओं का इस्तेमाल करते हैं।
शुल्क में कितनी हुई बढ़ोतरी?
H-1B वीजा के आवेदन शुल्क को 38,000 रुपये से बढ़ाकर 64,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा अगले साल से H-1B पंजीकरण शुल्क 829 रुपये से बढ़कर 17,000 रुपये जाएगा। L-1 वीजा शुल्क 38,000 रुपये से बढ़ाकर 1,10,000 रुपये से अधिक कर दिया गया है। इसके अलावा EB-5 वीजा शुल्क 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये से अधिक कर दिया गया है। EB-5 वीजा को निवेशक वीजा के नाम से भी जाना जाता है।
तीनों वीजाओं में क्या अंतर है?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है। इसके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। EB-5 वीजा उन उच्च मूल्य वाले विदेशी निवेशकों और उनके परिवारों को मिलता है, जो अमेरिकी व्यवसाय में निवेश कर अमेरिकी कामगारों के लिए नौकरी पैदा करते हैं। L-1 वीजा कंपनियों के अंदर तबादले के लिए दिया जाने वाला गैर-अप्रवासी वीजा है।