कोरोना वायरस महामारी के स्थानिक बीमारी बनने के बाद क्या होगी स्थिति?
इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी की चौथी लहर से जूझ रहीं है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इस लहर में मौतों का ग्राफ काफी कम है और अस्पतालों में भी बहुत कम मरीज भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी अब स्थानिक बीमारी बनने की ओर बढ़ रही है। ऐसे में यहां जानते हैं कि आखिर क्या है स्थानिक बीमारी और इसमें क्या होगा?
सबसे पहले जानते हैं कोई बीमारी कैसे बनती है महामारी?
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, कोई भी बीमारी जब कुछ क्षेत्रों में स्थापित पैटर्न के अनुसार तेजी से फैलती है तो उसे गंभीर बीमारी करार दे दिया जाता है, लेकिन यदि वही बीमारी पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले ले और बार-बार उसका प्रकोप बढ़ता रहे तो उसे महामारी के रूप में परिभाषित किया जाता है। कोराना वायरस का संक्रमण की पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में इसे महामारी के रूप में परिभाषित किया गया है।
महामारी का स्थानिक बीमारी बनने का क्या है मतलब?
किसी महामारी को स्थानिक बीमारी तब माना जाता है, जब किसी विशेष जगह पर सीमित लोगों में इसके मामले सामने आते हैं और बिना किसी खास प्रयासों के ये स्थिर बने रहते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो पोलिया स्थानिक बीमारी थी, चिकनपॉक्स स्थानिक बीमारी है। इसी तरह HIV अमेरिका में और मलेरिया अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ देशों में स्थानिक बन चुकी है। इबोला की बात करें तो कांगो में यह स्थानिक बीमारी बन चुकी है।
कोरोना महामारी के स्थानिक बीमारी बनने पर अभी बरकरार है संदेह
डेनमार्क के कोपेनहेगन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोपीय मुख्यालय में संक्रामक रोग विशेषज्ञ कैथरीन स्मॉलवुड ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को एक स्थानिक बीमारी के रूप में परिभाषित करने पर अभी भी संदेह बना हुआ है। इसका कारण है कि यह वायरस अभी भी बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है। ऐसे में अभी भी बड़ी मात्रा में अनिश्चितता बरकरार है। उन्होंने कहा कि स्थानिकता के चरण में महामारी से लड़ने में कम संसाधनों की जरूरत होगी।
कौन करेगा कोरोना महामारी के स्थानिक बीमारी बनने का निर्धारण?
इंडिया टुडे के अनुसार, अधिकांश धनी देशों के कोरोना महामारी को जल्द ही स्थानिक बीमारी मानने की संभावना है। इन देशों में वैक्सीन, दवाइयों और अन्य उपायों की व्यापक उपलब्धता के कारण महामारी के वैश्विक स्तर पर नियंत्रण में आने से पहले ही इसका प्रकोप कम करने की संभावना है। ऐसे में ये देश महामारी से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने के कारण इसे स्थानिक बीमारी घोषित कर सकते हैं। जिससे इसका प्रसार सीमित हो जाएगा।
वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं रही है कोरोना महामारी- WHO
पिछले महीने WHO विशेषज्ञों ने कहा था कि कोरोना महामारी अब वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं रही और इसके खत्म होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने इसको सही तरह से परिभाषित नहीं किया। ऐसे में महामारी के स्थानिक बीमारी बनने का निर्णय करना जल्दबाजी होगी।
स्पेन कर रहा है कोरोना महामारी को स्थानिक बीमारी मानने की तैयारी
पिछले सप्ताह स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा था कि कोरोना महामारी में अब मृत्यु दर में गिरावट आ रही है। ऐसे में यूरोपीय अधिकारियों को इसे स्थानिक बीमारी मानने के बारे में सोचना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो स्पेन के अधिकारियों को प्रत्येक कोरोना संक्रमित का रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होगी और न ही लक्षण वाले लोगों का टेस्ट जरूरी होगा। हालांकि, लोगों के बीमार होने पर उनका उपचार जारी रखा जाएगा।
क्या कोरोना महामारी के स्थानिक चरण में पहुंचने से समस्या खत्म हो जाएगी?
WHO के आपात स्थिति प्रमुख डॉ माइकल रेयान के अनुसार, कोरोना महामारी के स्थानिक चरण में पहुंचने के बाद भी समस्या खत्म नहीं होगी। तपेदिक और HIV एड्स सहित कई गंभीर बीमारियों को स्थानिक माना जा चुका है, लेकिन इनसे हर साल सैंकड़ों मौतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उप सहारा अफ्रीका में मलेरिया के स्थानिक बीमारी होने के बाद भी वहां हर साल 20 करोड़ लोग इसकी चपेट में आते हैं और छह लाख मौतें होती हैं।
महामारी के स्थानिक होने पर भी बरकरार रहेगी घातकता- डॉ वुड्स
ड्यूक यूनिवर्सिटी में एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ क्रिस वुड्स ने कहा, "कोरोना महामारी के मौसमी फ्लू की तरह एक स्थापित होने के बाद भी यह वायरस कुछ के लिए घातक साबित होता रहेगा। इसका मतलब है कि कोरोना वायरस हमेशा के लिए हमारे साथ रहेगा।" उन्होंने कहा, "महामारी के स्थानिक होने के बाद मौतों का ग्राफ पहले की तुलना में कम जरूर हो जाएगा, लेकिन खतरा बरकरार रहेगा। हालांकि, इसका उपचार ज्यादा सुलभ होगा।"
न्यूजबाइट्स प्लस (इंफो)
भारत में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,47,254 नए मामले सामने आए और 703 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,85,66,027 हो गई है। इनमें से 4,88,396 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह दुनियाभर में अब तक 34.03 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 55.73 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 6.93 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.60 लाख लोगों की मौत हुई है।