दो अलग-अलग कोरोना वैक्सीनों की खुराकें लगाने पर क्या होता है? अध्ययन में आया सामने
क्या है खबर?
कोरोना वायरस की कई वैक्सीनें आने के बाद से ही विशेषज्ञों के मन में यह सवाल चल रहा है कि अगर दो वैक्सीनों को मिलाया जाए यानि एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीनों की खुराकें लगाई जाएं तो इसका क्या असर होगा?
अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में सामने आया है कि ऐसा करने पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स बढ़ जाते हैं।
अध्ययन में और क्या-क्या सामने आया, आइए आपको बताते हैं।
नतीजे
क्या रहे अध्ययन के नतीजे?
प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका 'द लैंसेट' में प्रकाशित इस अध्ययन में 830 लोगों को चार समूहों में एस्ट्राजेनेका और फाइजर की वैक्सीनों की खुराकें लगाई गईं।
नतीजों में सामने आया कि वैक्सीनों को मिलाने पर ज्यादा लोगों में साइड इफेक्ट्स देखे गए।
जिन लोगों को पहले एस्ट्राजेनेका और फिर फाइजर की खुराक लगाई गई, उनमें से 34 प्रतिशत को बुखार आया। इसकी तुलना में दोनों खुराकें एस्ट्राजेनेका की लगवाने वाले लोगों में यह आंकड़ा मात्र 10 प्रतिशत रहा।
फाइजर
फाइजर की वैक्सीन पहले लगाने पर भी देखे गए अधिक साइड इफेक्ट्स
इसी तरह जिन लोगों को पहले फाइजर और फिर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाई गई, उनमें से 41 प्रतिशत में बुखार का साइड इफेक्ट देखने को मिला। इसके विपरीत दोनों खुराकें फाइजर की लगवाने वाले लोगों में से मात्र 21 प्रतिशत को बुखार आया।
इसी तरह अलग-अलग खुराकों वाले 10 प्रतिशत लोगों में गंभीर थकान देखने को मिली, वहीं समान खुराक वाले लोगों में यह आंकड़ा मात्र 3 प्रतिशत रहा।
किसी को भी अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
बयान
आने वाले हफ्तों में पता चलेगा, इम्युनिटी बढ़ती है या नहीं- विशेषज्ञ
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीनोलॉजी प्रोफेसर डॉ मैथ्यू स्नैप ने नतीजों पर कहा, "वैक्सीनों से ऐसे साइड इफेक्ट्स होते ही हैं। ये लगभग वैसे ही साइड इफेक्ट्स हैं जो आम तौर पर देखे जा रहे हैं। बस वे ज्यादा लोगों में हो रहे हैं, लेकिन जल्दी खत्म भी हो जा रहे है।"
उन्होंने कहा कि वैक्सीन मिलाने से इम्युनिटी बढ़ेगी या नहीं, इसके बारे में आने वाले आने वाले कुछ हफ्तों में पता चलेगा।
निशाना
वायरस के एक ही हिस्से को निशाना बनाती हैं फाइजर और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनें
बता दें कि खुराकें मिलाने पर हर वैक्सीन काम नहीं करती है और केवल उन्हीं वैक्सीनों के साथ काम करने की संभावना होती है जो वायरस के एक ही हिस्से को निशाना बनाती हों।
इस अध्ययन में शामिल फाइजर और एस्ट्राजेनेका दोनों वैक्सीनें कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाती हैं और इसलिए उनका साथ में ट्रायल किया गया।
अगर इन्हें प्रभावी पाया जाता है तो दूसरे खुराके से संबंधित कई समस्याएं दूर हो जाएंगी।
कोरोना का कहर
दुनियाभर में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 16 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 33.33 लाख लोगों की मौत हुई है।
सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.28 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 5.84 लाख लोगों की मौत हुई है। भारत में 2.27 करोड़ संक्रमितों में से 2.58 लाख की मौत हुई है।
तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में 1.54 करोड़ संक्रमितों में से लगभग 4.28 लाख मरीजों की मौत हुई है।