युगांडा में समलैंगिकता अब अपराध, जानें कानून में क्या-क्या प्रावधान और अन्य देशों में क्या स्थिति
युगांडा में समलैंगिकता अब अपराध की श्रेणी में आ गई है। युगांडा की संसद में मंगलवार को LGBTQ समुदाय से जुड़े एक विधेयक को पारित किया। इसके बाद अब देश में समलैंगिक संबंध बनाने पर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद देश में समलैंगिक लोग अपराधी घोषित हो जाएंगे। अफ्रीका के करीब 30 देशों में समलैंगिकता कानूनी तौर पर अपराध है।
क्या है विधेयक की बड़ी बातें?
विधेयक में समलैंगिक संबंधों के अलावा समलैंगिकता को बढ़ावा देने, समलैंगिक संबंधों में शामिल होने के लिए साजिश रचने जैसे कृत्यों को भी आपराधिक घोषित किया गया है। समलैंगिक संबंध बनाने वालों के लिए विधेयक में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। 18 साल से कम उम्र या एड्स से संक्रमित लोगों के साथ समलैंगिक संबंध बनाने पर मृत्युदंड तक का प्रावधान है। समलैंगिक लोगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठनों को भी अपराधी मानकर कार्यवाही की जाएगी।
विधेयक पर सरकार ने क्या कहा?
संसद में 'समलैंगिकता विरोधी विधेयक' को विपक्ष के विधायक असुमन बसलीरवा ने पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "इस विधेयक का उद्देश्य हमारी चर्च संस्कृति और कानूनी, धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों की ऐसे कृत्यों से रक्षा करना है, जो देश में यौन संकीर्णता को बढ़ावा दे सकते हैं।" विधेयक के समर्थन में करीब-करीब सभी 389 विधायकों ने वोटिंग की। विधेयक को अब राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के पास मंजूरी के लिये भेजा जाएगा।
विधेयक पर LGBTQ समुदाय का क्या कहना है?
युगांडा के LGBTQ कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश में समलैंगिकता विरोधी भावना उनके खिलाफ शारीरिक और ऑनलाइन हिंसा के खतरे पैदा कर रही हैं और विधेयक के युगांडा के लोगों के लिए दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता सारा कसंडे ने ट्वीट कर लिखा, 'युगांडा की संसद ने घृणा को बढ़ावा देने वाला और LGBTIQ लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से रोकने वाला विधेयक पारित किया है। युगांडा के इतिहास में आज का दिन दुखद है।'
समलैंगिकता के खिलाफ कहां-कहां है सजा का प्रावधान?
दुनियाभर के करीब 69 देशों में समलैंगिकता अब भी गैर-कानूनी मानी जाती है। इनमें से आधे से ज्यादा देश अफ्रीकी महाद्वीप में हैं। इन देशों में समलैंगिक संबंधों के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में वैसे तो समलैंगिकता अपराध नहीं है, लेकिन समलैंगिक लोगों को कई बंदिशों का सामना करना पड़ता है। इसकी विपरीत दुनियाभर के 32 देशों में समलैंगिक लोगों के बीच विवाह को कानूनी मान्यता मिली हुई है।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अहम फैसला सुनाते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के प्रावधानों को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समलैंगिक लोगों को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। हालांकि, भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।