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वर्चुअल अरेस्ट स्कैम में सेवानिवृत्त कर्मचारी ने गंवाए 1.2 करोड़ रुपये, जानिए कैसे हुआ 
साइबर अपराधियों ने केरल में एक पीड़ित से 1.2 करोड़ रुपये ठग लिए हैं (तस्वीर: फ्रीपिक)

वर्चुअल अरेस्ट स्कैम में सेवानिवृत्त कर्मचारी ने गंवाए 1.2 करोड़ रुपये, जानिए कैसे हुआ 

Aug 24, 2025
12:47 pm

क्या है खबर?

केरल में एक सेवानिवृत्त सरकार कर्मचारी ने 'वर्चुअल अरेस्ट' साइबर धोखाधड़ी में 1.2 करोड़ रुपये गंवा दिए। इस स्कैम में ठगों ने पीड़ित को डराने का तरीका अपनाकर अपने जाल में फंसाया। इसको लेकर एर्नाकुलम ग्रामीण साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है। इसके बाद पुलिस जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, उनसे लगभग 35 लाख रुपये फ्रीज करवाने में कामयाब रही, हालांकि बाकी रकम पहले ही निकाल ली गई थी।

मामला 

क्या है यह मामला?

पुलिस के अनुसार, एर्नाकुलम जिले के वेंगोला निवासी 74 वर्षीय एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को 15 अगस्त को एक व्यक्ति का व्हाट्सऐप कॉल आया, जिसने खुद को ग्रेटर मुंबई पुलिस का अधिकारी प्रवीण बताया। धोखेबाज ने दावा किया कि उन्होंने उसकी ID पर पंजीकृत प्रतिबंधित सामान की एक खेप की तस्करी पकड़ी है। पीड़ित को धमकी दी कि अगर वह अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाया तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सहारा 

पुलिस का लिया सहयोग 

पुलिस ने बताया कि पीड़ित को बताया गया कि जांच के तहत उसके बैंक खातों का सत्यापन जरूरी है और सत्यापन पूरा होने के बाद उसके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। निर्देशों का पालन करते हुए उसने 18 अगस्त को मुंबई के 2 बैंक खातों में 3 लेनदेन में 40-40 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब वादे के मुताबिक रकम वापस नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस से संपर्क कर मामला दर्ज कराया और लगभग 35 लाख रुपये फ्रीज करवा दिए।

आंकड़े 

केरल में चिंताजनक हुआ साइबर अपराध

केरल में साइबर धोखाधड़ी एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। रिकॉर्ड के अनुसार, साइबर धोखेबाजों ने 2024 में राज्य से 763 करोड़ रुपये उड़ा लिए हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) के माध्यम से ऐसी घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करें। इस 'वर्चुअल अरेस्ट' घोटाले में साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ितों से ऑनलाइन संपर्क करते हैं और दावा करते हैं कि पीड़ित पर किसी अपराध का मामला दर्ज है।

बचाव 

ऐसे करें डिजिटल अरेस्ट से बचाव

वर्चुअल अरेस्ट को डिजिटल अरेस्ट में फोन करने वाले कभी पुलिस, CBI, नारकोटिक्स, RBI और दिल्‍ली या मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर ऑनलाइन कॉल कर अपने जाल में फंसाते हैं। किसी अपराध में फंसे होने का डर दिखाकर मामला रफा-दफा करने के लिए पैसा मांगा जाता है। ऐसे मामलों से बचने के लिए किसी कॉल पर विश्वास न करें, क्योंकि पुलिस कभी भी इसके लिए ऑनलाइन कॉल नहीं करती। इस तरह की कॉल से घबराएं नहीं और इन्हें अनदेखा करें।