अफगानिस्तान: तालिबान ने काबुल में हिंदू और सिख प्रतिनिधि नियुक्त किए, करेंगे अल्पसंख्यक अधिकारों की वकालत
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने राजधानी काबुल में हिंदू और सिख प्रतिनिधि नियुक्त करने का फैसला लिया है। काबुल नगर पालिका ने एक्स पर यह जानकारी दी। इंडिया टुडे के मुताबिक, तालिबान ने कहा कि हिंदुओं और सिखों की जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने की प्रक्रिया में प्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और उनके अधिकारों की वकालत करेंगे। प्रतिनिधि काबुल के 22 नगर पालिका जिलों की प्रतिनिधि परिषद के सदस्य के रूप में काम करेंगे।
तालिबान राज में अल्पसंख्यकों को है अपने अधिकार खत्म होने का डर
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद हिंदू और सिख समेत अन्य अल्पसंख्यकों को अपने अधिकार खत्म होने और कठोर प्रतिबंधों का डर बना हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के पिछले शासन के दौरान सिखों और हिंदुओं को कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था और उन्हें सार्वजनिक रूप से धार्मिक छुट्टियां मनाने से प्रतिबंधित किया गया था। इस बार सत्ता में आने पर तालिबान ने अल्पसंख्यक समूह को भलाई और सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
महिलाओं पर लगाए गए हैं कई प्रतिबंध
तालिबान ने अगस्त, 2021 में सत्ता में वापसी की थी। इसके बाद उसने अफगानिस्तान में महिलाओं के कई अधिकारों को खत्म कर दिया था। पिछले दिसंबर में विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और अब महिलाएं छठवीं कक्षा के बाद नहीं पढ़ सकतीं। इसके अलावा महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है, जहां महिला शिक्षा पर प्रतिबंध है।