पाकिस्तान ने फिर मारी पलटी, खारिज किया भारत से चीनी और कपास आयात करने का प्रस्ताव
क्या है खबर?
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भारत से चीनी और कपास आयात करने के मामले में महज 24 घंटे में ही पलटी मार दी है।
बुधवार को पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने चीनी और कपास की किल्लत को देखते हुए भारत से आयात करने और भारत से आयात पर लगी पाबंदी को हटाने की घोषणा की थी, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमंडल की बैठक में ECC के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
पृष्ठभूमि
पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में भारत से आयात पर लगाई थी पाबंदी
बता दें कि भारत सरकार द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया था।
इस बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत से किसी भी तरह के आयात पर एकतरफा पाबंदी लगा दी थी।
उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में खटास आ गई थी। हालांकि, पाकिस्तान का यह निर्णय अब उस पर ही भारी पड़ता नजर आ रहा है।
घोषणा
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने की थी पाबंदी हटाने की घोषणा
पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने बुधवार को घोषणा की थी कि पाकिस्तान ने पड़ोसी देश भारत से आयात को लेकर जो पाबंदी लगाई थी, वह हटा ली है।
उन्होंने कहा था कि ECC बैठक में एजेंडे में शामिल भारत से कपास और चीनी आयात करने के मुद्दे पर चर्चा हुई है। विस्तृत चर्चा के बाद भारत से आयात की अनुमति दी गई है। आयात शुरू होने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध कुछ बेहतर होंगे।
फायदा
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने बताए थे आयात के फायदे
इससे पहले पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने इस्लामाबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आयात से पाकिस्तान को कपास और चीनी की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने भारत से जुड़े एक सवाल पर कहा था कि यदि किसी देश के साथ व्यापार करने से आम आदमी का बोझ कम होता है तो इसमें कोई नुकसान नहीं है।
ECC ने निजी क्षेत्र से पांच लाख टन चीनी और कपास के आयात की अनुमति दी थी।
खारिज
पाकिस्तानी कैबिनेट ने खारिज किया ECC का प्रस्ताव
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ECC के भारत से आयात करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई और बाद में सर्वसम्मति से उसे खारिज कर दिया।
हालांकि, पाकिस्तानी सरकार की ओर से प्रस्ताव को खारिज करने के संबंध में कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
इसी तरह इस निर्णय के पीछे मौजूद कारण भी सामने नहीं आए हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध सुचारू होने की उम्मीद भी टूट गई।
अंदेशा
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री ने ट्वीट कर जताई थी आशंका
बता दें कि भारत पर कड़े रुख के लिए ख्यात पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कैबिनेट बैठक से पहले ट्वीट कर ECC का प्रस्ताव खारिज होने की आशंका जता दी थी।
उन्होंने लिखा था, 'सिर्फ रिकॉर्ड के लिए सभी ECC फैसलों को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया जाना है और उसके बाद ही उन्हें मंजूरी मिलती है। कैबिनेट में भारत के साथ व्यापार सहित ECC के फैसलों पर चर्चा होगी और उसके बाद सरकार निर्णय करेगी!'