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वुहान: पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं कोरोना को हरा चुके 90 फीसदी लोगों के फेफड़े

वुहान: पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं कोरोना को हरा चुके 90 फीसदी लोगों के फेफड़े

Aug 06, 2020
12:47 pm

क्या है खबर?

एक बार संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कोरोना वायरस लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। चीन के वुहान के एक बड़े अस्पताल में कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों के एक समूह में से 90 फीसदी के फेफड़ों को नुकसान हुआ है। वहीं इनमें से 5 प्रतिशत लोगों को दोबारा संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन किया गया है। गौरतलब है कि वुहान ही वह शहर है, जहां से यह खतरनाक वायरस फैलना शुरू हुआ था।

शोध

अप्रैल से चल रहा है प्रोजेक्ट

वुहान यूनिवर्सिटी के झोंगनान अस्पताल की एक टीम इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) के निदेशक पेंग झियोंग के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके 100 लोगों पर नजर रख रही है। यह टीम अप्रैल से इन लोगों की सेहत से जुड़ी जानकारियां जुटा रही हैं। यह प्रोजेक्ट एक साल तक चलेगा और इसका पहला चरण जुलाई में समाप्त हुआ था। प्रोजेक्ट में जिन मरीजों की सेहत पर नजर रखी जा रही है, उनकी औसतन उम्र 59 साल है।

जानकारी

पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे 90 फीसदी लोगों के फेफड़े

पहले चरण के नतीजों के मुताबिक, 90 प्रतिशत मरीजों के फेफड़े अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं। इसका मतलब है कि इन लोगों के फेफड़े सेहतमंद लोगों की तुलना में कमजोर हैं और पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहे।

वुहान

कई लोग तीन महीने बाद भी ऑक्सीजन मशीन पर निर्भर

पेंग की टीम ने इनके फेफड़ों की क्षमता जांचने के लिए इन्हें पैदल चलाकर देखा। जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं वो छह मिनट में केवल 400 मीटर ही पैदल चल पाए। इनकी तुलना में सेहतमंद लोग इतने ही समय में 500 मीटर तक आसानी से चल रहे थे। वहीं कुछ लोग अस्पताल से छुट्टी मिलने के तीन महीने बाद भी ऑक्सीजन मशीन पर निर्भर है। इन्हें खुद से सांस लेने में परेशानी हो रही है।

वुहान

10 प्रतिशत तक कम हुईं एंटीबॉडीज

इन नतीजों में यह भी पता चला है कि इन मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनी एंटीबॉडीज में से 10 प्रतिशत गायब हो गई हैं। ऐसा अंदेशा पहले भी लगाया गया था कि एंटीबॉडीज कुछ समय बाद गायब हो जाती हैं। वहीं इन 100 लोगों में से पांच ऐसे भी हैं, जो इम्युनोग्लोबुलिन M (IgM) टेस्ट में फिर से कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन्हें ऐहतियाती तौर पर क्वारंटाइन किया गया है।

जानकारी

IgM टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने का क्या मतलब?

आमतौर पर IgM पहली एंटीबॉडी होती है, जो वायरस के हमले से बचाव के लिए इम्युन सिस्टम तैयार करता है। किसी व्यक्ति के IgM टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने का मतलब है कि वह हाल ही में वायरस से संक्रमित हुआ है।

कोरोना वायरस

इम्युन सिस्टम भी नहीं हुआ पूरी तरह ठीक

पेंग का कहना है कि इन लोगों का इम्युन सिस्टम भी अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं हो सका है और इसमें सुधार की प्रक्रिया लगातार जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि ये मरीज अवसाद का भी शिकार हुए। इन लोगों में से अधिकतर ने कहा कि उनके परिवार के लोग उनके साथ खाना खाने से बचते हैं। वहीं इनमें से आधे लोग ऐसे भी हैं जो पहले की तरह अपने काम पर लौट गए हैं।

कोरोना वायरस

हुबेई में अब तक 4,500 से ज्यादा मौतें

जानकारों का कहना है कि ये नतीजे इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सबसे पहले वुहान ही कोरोना वायरस की चपेट में आया था। वुहान चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी है। हुबेई में अब तक 68,138 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, यहां 4,512 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, विशेषज्ञ इन आंकड़ों पर आसानी से भरोसा नहीं कर रहे। उनका मानना है कि असल संख्या इनसे कहीं ज्यादा हो सकती है।