जापान में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 100 लोगों की मौत, 200 से अधिक लापता
नए साल के दिन जापान में आए विनाशकारी भूकंपों की श्रृखंला में मरने वालों की संख्या 100 तक पहुंच चुकी है, जबकि 211 अभी भी लापता हैं। शनिवार को राहत और बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अधिकारियों ने कहा कि इशिकावा प्रांत में भूकंपों ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। पिछले 5 दिनों भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में मौसम सबसे बड़ी बाधा बन रहा है।
इमारतों के मलबे में फंसे हैं कई लोग- बचाव अधिकारी
जापान टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक वाजिमा शहर में कई इमारतें जमींदोज हुई हैं, जिनमें कई लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की वजह से बचाव कार्य लगातार बाधित हो रहा है, जबकि रविवार को यहां बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है और इससे मुश्किल हो सकती है। उनका मानना है कि वाजिमा शहर की लगभग 100 इमारतों के मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं।
प्रधानमंत्री किशिदा बोले- पूरी ताकत से चलाएं बचाव अभियान
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा, "जितना संभव हो उतने लोगों की जान बचाने के लिए पूरी ताकत और तेजी से बचाव अभियान चलाएं क्योंकि समय गुजरने के साथ-साथ लोगों के जिंदा बचने की संभावना भी कम हो रही है।" अधिकारियों ने बताया कि 4 जनवरी को 2 बुजुर्ग महिलाओं को इमारत के मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
इशिकावा प्रांत में भूकंप के बाद बिजली और पानी की सप्लाई बाधित
इशिकावा प्रांत में भूकंप के बाद लगभग 23,800 घरों की बिजली गुल है, जबकि 66,400 से अधिक घरों में पानी की सप्लाई बाधित है। बिजली और पानी की सप्लाई बाधित होने से यहां अस्तपालों में भर्ती मरीजों के इलाज में दिक्कत आ रही है। यहां 357 सरकारी आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 31,400 से अधिक लोग रह रहे हैं। इसके अलावा, भूकंप के बाद सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई इलाकों का संपर्क कटा हुआ है।
न्यूजबाइट्स प्लस
जापान में हर साल सैकड़ों भूकंप आते हैं और अधिकांश में कोई नुकसान नहीं होता है। यहां 4 दशकों से अधिक समय से सख्त बिल्डिंग कोड लागू हैं। मार्च, 2011 में यहां 9.0 तीव्रता का सबसे विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें बाद सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए और 500 से अधिक लापता हो गए थे। इस भूकंप ने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।