अमेरिका: भारत निर्मित दवा से फैला संक्रमण; एक की मौत, कई लोग प्रभावित
चेन्नई में बनी आंखों में डालने की एक दवा (आई ड्रॉप) के चलते अमेरिका में 55 लोगों के संक्रमित होने का मामला सामने आया है। इसके बाद अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने चेन्नई स्थित ग्लोबल प्राइवेट हेल्थकेयर लिमिटेड की इस दवा के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। बताया जा रहा है कि इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से ड्रग-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया फैल गया और इससे 55 लोग संक्रमित हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई।
FDA ने गुरुवार को जारी की थी चेतावनी
FDA ने गुरुवार को अलर्ट जारी करते हुए ग्राहकों और स्वास्थ्यकर्मियों को इस दवा की खरीद और इस्तेमाल से बचने को कहा था। FDA ने इसके लिए कंपनी पर निर्माण संबंधी नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें माइक्रोबायल टेस्टिंग की कमी है और पैकेजिंग में भी पूर्ण सावधानी नहीं बरती गई। लोगों को चेताते हुए इस अलर्ट में लिखा गया था कि इसके इस्तेमाल से दृष्टि जाने और मौत होने तक का खतरा है।
कंपनी ने वापस मंगाई दवा
ग्लोबल फार्मा एजरीकेयर और डेलसाम फार्मा के ब्रांड के तहत यह आई ड्रॉप बेचती है। इसमें संभावित संक्रमण को लेकर अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) ने FDA को अलर्ट जारी किया था। इसके बाद कंपनी ने 1 फरवरी को इस दवा को वापस मंगवा लिया था। कंपनी ने कहा कि बैक्टीरिया का फैलाव इस आई ड्रॉप से जुड़ा हो सकता है। इस बैक्टीरिया पर इसके इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा असर नहीं करती।
भारत में नहीं बिकती यह दवा
कंपनी ने इस घटना के बाद बयान जारी कर कहा कि वह अमेरिकी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चला है कि इसमें संक्रमण की शुरुआत उसके प्लांट से हुई है। द प्रिंट को दिए जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस दवा को वापस मंगा लिया गया है और जांच जारी है। यह दवा भारत में नहीं बिकती है और एक अमेरिकी क्लाइंट के लिए बनाई गई थी।
भारत में निर्मित दवाओं से जुड़ा ऐसा तीसरा मामला
भारत में बनी दवाओं से दूसरे देशों में मौत होने का यह तीसरा मामला है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उज्बेकिस्तान ने दावा किया था कि नोएडा स्थित मरिओन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में बनी कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हुई थी। इस सिरप में इथिलीन ग्लाइकोल नामक घातक रसायन मिलने की बात सामने आई थी। उससे पहले सितंबर-अक्टूबर में गांबिया में भारत निर्मित दवा से 70 मौतों की खबर आई थी।