#NewsBytesExplainer: कैसे होता है पोप का अंतिम संस्कार और किस तरह चुना जाता है अगला पोप?
क्या है खबर?
पोप फ्रांसिस की तबीयत बेहद खराब है। वे बीते एक हफ्ते से रोम के एक अस्पताल में भर्ती है और उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है।
उन्हें फेफेड़ों में संक्रमण, निमोनिया और अस्थमा अटैक जैसी समस्याएं हो रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पोप की स्थिति किसी भी तरह के खतरे से बाहर नहीं है। इसके बाद दुनियाभर में उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं।
आइए पोप के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया जानते हैं।
मृत्यु की घोषणा
कैसे होती है मृत्यु की घोषणा?
परंपरागत रूप से कैमरलेंगो (वेटिकन का एक वरिष्ठ अधिकारी) पोप की मृत्यु की पुष्टि करता है। फिलहाल यह पद कार्डिनल केविन फैरेल के पास है।
कैमरलेंगो 3 बार पोप का नाम पुकारता है और कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर पोप को मृत घोषित कर देता है। इसके बाद आम जनता को इसकी सूचना दी जाती है।
इसी दौरान पोप के आवास को सील कर उनकी अंगूठी को नष्ट कर दिया जाता है।
शव
पोप के शव से अंग निकालने की रही है परंपरा
पोप के मृत्यु की पुष्टि होने के बाद 9 दिन तक शोक मनाया जाता है।
इस दौरान पोप के शव को सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जाता है, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
ऐतिहासिक तौर पर कुछ पोप के शरीर के अंग निकाल लिए जाते थे। रोम के एक चर्च में 20 से ज्यादा पोप के दिल संगमरमर के कलशों में रखे हुए हैं।
हालांकि, अब ये प्रथा बंद कर दी गई है।
अंतिम संस्कार
कैसे होता है अंतिम संस्कार?
आमतौर पर निधन के 4-6 दिन बाद पोप को दफनाया जाता है। अंतिम संस्कार सेंट पीटर स्क्वायर में होता है।
ज्यादातर पोप को सेंट पीटर बेसिलिका के नीचे वेटिकन ग्रोटोज में दफनाया जाता है। यहां करीब 100 पोप को दफन किया गया है।
हालांकि, पोप फ्रांसिस ने रोम के सांता मारिया मैगीगोर में दफनाए जाने की इच्छा व्यक्त की है। इसलिए पोप फ्रांसिस को सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया जाएगा।
ताबूत
3 ताबूत में दफन किया जाता है शव
पारंपरिक तौर पर पोप को 3 ताबूतों में दफन किया जाता है, जो एक-दूसरे के अंदर रखे जाते हैं। हालांकि, पोप फ्रांसिस ने कहा कि उन्हें केवल लकड़ी और जस्ते से बने एक ही ताबूत में दफन किया जाए।
ताबूत में कुछ खास चीजें भी रखी जाती हैं। जब पोप बेनेडिक्ट सोलहवें को दफन किया गया था तो उनके ताबूत में कुछ सिक्के और उनके शासनकाल को बताने वाले एक कागज रखा गया था।
अगला पोप
कैसे चुना जाता है अगला पोप?
पोप का चुनाव बेहद गोपनीय होता है। पोप की मृत्यु के 15 से 20 दिन के बाद नए पोप की चुनाव प्रक्रिया शुरू होती है।
इसके लिए 80 साल से कम उम्र के अधिकतम 120 कार्डिनल वेटिकन में इकट्ठे होते हैं। इन सभी को चैपल में बंद कर दिया जाता है और बाहरी दुनिया से इनका संपर्क खत्म कर दिया जाता है।
ये एक पर्ची पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम लिखकर उसे एक प्याले में रख देते हैं।
धुंआ
चिमनी में सफेद-काला धुंआ छोड़कर बताया जाता है परिणाम
किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए दो-तिहाई वोट मिलना जरूरी होते हैं। अगर किसी को भी बहुमत नहीं मिलता है तो फिर से मतदान किया जाता है। एक दिन में 4 बार मतदान किया जा सकता है।
इसके बाद मतपत्रों को रसायनों के जरिए जलाकर बाहर धुंआ भेजा जाता है। अगर चिमनी से काला धुंआ आता है, तो इसका मतलब है कि पोप नहीं चुना गया। सफेद धुंआ बाहर आने का मतलब है कि पोप चुन लिया गया है।
उम्मीदवार
कौन बन सकता है अगला पोप?
जब पोप का चयन हो जाता है तो कार्डिनल्स का एक प्रतिनिधि सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से घोषणा करता है- हैबेमस पापम (हमारे पास एक पोप है।)
इसके बाद नवनिर्वाचित पोप अपने लिए एक नाम चुनते हैं और सफेद कपड़ों में बालकनी से जनता को पहला संबोधन देते हैं।
फिलहाल वेटिकन के कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन अगले पोप बनने की रेस में सबसे आगे हैं। वे वेटिकन के राज्य सचिव है और उन्हें राजनीतिक रूप से उदारवादी माना जाता है।