अविश्वास प्रस्ताव: इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में क्या समीकरण?

तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर आज वोटिंग होनी है और इस वोटिंग में इमरान खान की सरकार के गिरने की प्रबल संभावनाएं है। सहयोगियों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार पहले ही बहुमत खो चुकी है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि कैसे पाकिस्तानी संसद में आंकड़े और समीकरण इमरान खान की सरकार के खिलाफ हैं।
पाकिस्तान की संसद में कुल 342 सांसद हैं और बहुमत का आंकड़ा 172 है। 2018 आम चुनाव में इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने सबसे अधिक 155 सीटें जीती थीं। सरकार बनाने के लिए PTI ने पांच सीटों वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-Q), पांच सीटों वाली बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP), सात सीटों वाली मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM), तीन सीटों वाले ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) और एक सीट वाली जम्हूरी वतन पार्टी जैसी कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया था।
मौजूदा संकट की शुरूआत में जम्हूरी वतन पार्टी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे PTI गठबंधन के सांसदों की संख्या 179 से घटकर 178 पर आ गई। इसके बाद MQM ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष का साथ देने का ऐलान कर दिया। इससे सरकार के समर्थन वाले सांसदों की संख्या 171 रह गई है, जो बहुमत से एक कम है।
MQM के समर्थन वापस लेने के बावजूद PTI गंठबधन के सांसदों की संख्या अभी भी विपक्ष से ज्यादा है जिसके पास 169 सांसद हैं। जहां पर इमरान की मुख्य मुसीबत ये है कि उनकी खुद की पार्टी के 24 सांसद बागी हो गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि ये सांसद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ वोट डालेंगे। अगर ऐसा होता है तो मात्र 147 वोटों के साथ इमरान की सरकार गिर जाएगी।
अपनी सरकार को बचाने के लिए इमरान ने संविधान तक को ताक पर रख दिया है। 3 अप्रैल को पहले उन्होंने डिप्टी स्पीकर के जरिए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कराया और फिर राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश कर दी। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद आज एक बार फिर से अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो रही है और अभी भी इमरान इसे टालने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सेना को मनाने की कोशिश भी की है।
इमरान खान की सरकार पर छाए इस संकट के लिए मुख्य तौर पर महंगाई और आर्थिक संकट को जिम्मेदार माना जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि देश के मौजूदा आर्थिक संकट और अनियंत्रित होती महंगाई के लिए इमरान जिम्मेदार हैं। वहीं PTI के बागी सांसदों ने महंगाई के साथ-साथ मंत्रियों की शिकायतों की सुनवाई न होने की बात कही है। उनका कहना है कि उनके मुद्दा उठाने पर भी समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं होती है।