
दूसरी महामारी बन चुकी हैं कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहीं फेक न्यूज- रेड क्रॉस प्रमुख
क्या है खबर?
दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी की वैक्सीन अब कुछ ही हफ्तों की बात है। वैक्सीन की खोज अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
इससे उम्मीद जगी है कि कुछ ही महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण काबू में आ जाएगा।
इसी बीच वैश्विक मानवीय सहायता समूह रेड क्रॉस के प्रमुख का कहना है कि पहली महामारी खत्म होने की कगार पर है, लेकिन वैक्सीन को लेकर चल रही फेक न्यूज दूसरी महामारी का रूप ले सकती हैं।
बयान
फेक न्यूज और अविश्वास को रोकने की जरूरत- रोक्का
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसायटीज के प्रमुख फ्रैंसेस्को रोक्का ने कहा कि सरकार और संस्थानों को फेक न्यूज और लगातार बढ़ रहे अविश्वास को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस को हराने के लिए हमें समांतार चल रही अविश्वास की महामारी को भी हराना होगा, जो कोरोना वायरस से लड़ाई के हमारे प्रयासों में रुकावटर डालने के साथ-साथ वैक्सीनेशन को लेकर हमारी साझी क्षमता को कमजोर कर रही है।"
अविश्वास
जुलाई से अक्टूबर के बीच 67 देशों में बढ़ा वैक्सीन का विरोध
दुनिया के सबसे बड़े मानवीय सहायता समूह के प्रमुख ने कहा कि कोरोना वैक्सीन से उम्मीद की किरण दिखी है, लेकिन सरकार और संस्थानों को समुदायों में भरोसा बनाना होगा, जहां गलत सूचनाएं अपनी जड़ें जमा चुकी हैं।"
रोक्का ने कहा कि दुनियाभर में वैक्सीन का विरोध बढ़ रहा है। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि जुलाई-अक्टूबर के बीच 67 देशों में वैक्सीन को लेकर विरोध के स्वर बढ़े हैं।
बयान
दूसरे स्वास्थ्य कदमों पर भी बढ़ रहा अविश्वास- रोक्का
उन्होंने कहा कि वैक्सीन की स्वीकार्यता घटने के साथ-साथ जन स्वास्थ्य के लिए उठाए जाने वाले दूसरों कदमों में भी लोगों का अविश्वास बढ़ा है। यह महामारी की शुरुआत से नजर आ रहा है और इसने संक्रमण को फैलने मे मदद पहुंचाई है।
इसका उदाहरण देते हुए रोक्का ने कहा कि पश्चिमी देशों में बड़ी संख्या में लोग मास्क नहीं पहन रहे थे। हालांकि, अविश्वास और झूठी सूचनाएं केवल पश्चिमी देशों का ही नहीं बल्कि वैश्विक मुद्दा है।
अपील
दुनियाभर के नेताओं को समुदायों का भरोसा जीतने की जरूरत- रोक्का
रोक्का ने दुनियाभर के नेताओं से समुदायों का भरोसा जीतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लोगों तक बराबर मात्रा में पहुंचाने के लिए जितने प्रयासों की जरूरत होगी, उतने ही प्रयास समुदायों के बीच भरोसा बनाने और उसे कायम रखने के लिए करने की जरूरत है।
उनसे पहले कई विशेषज्ञ ऐसी ही बात कह चुके हैं कि वैक्सीन को लेकर लोगों में फैली गलत धारणाओं को दूर करना आवश्यक है।
जानकारी
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
बीते महीने ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि यूनाइटेड किंगडम में गलत सूचनाओं, अविश्वास और वैक्सीन लेने में असहजता के चलते बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन से दूर रह सकते हैं, जो समुदायों को संक्रमण से बचाने की कोशिशों को प्रभावित कर सकते हैं।
जानकारी
बीमारियों से परेशान होने के बाद भी कुछ लोग वैक्सीन क्यों नहीं चाहते?
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की चेतावनी पढ़ने के बाद आपके मन में आया होगा कि बीमारियों से परेशान होने के बाद भी कुछ लोग वैक्सीन क्यों नहीं चाहते?
इसका जवाब यह है कि वैक्सीन के विरोध में होने के कई कारण हैं। इनमें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से लेकर धार्मिक वजहें तक शामिल हैं।
वैक्सीन्स का विरोध कई दशकों से जारी है। आप यहां टैप कर वैक्सीन के विरोध के कारण और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से जान सकते हैं।