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अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास पर CBI का छापा, क्या है मामला?
अनिल अंबानी के ठिकानों पर अब CBI ने कार्रवाई की है

अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास पर CBI का छापा, क्या है मामला?

लेखन आबिद खान
Aug 23, 2025
12:19 pm

क्या है खबर?

रिलायंस समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल अंबानी की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुंबई स्थित अनिल के आवास पर छापेमार कार्रवाई की है। कुछ ही दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अनिल अंबानी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये कार्रवाई करोड़ों रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में बताई जा रही है।

मामला

क्यों की गई छापेमारी?

अभी छापेमारी की आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि ये मामला कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले से जुड़ा है। 13 जून, 2025 को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इस खाते को फर्जी घोषित कर दिया था। SBI ने इसकी सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी दी थी। इसके बाद CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई और आज अनिल के आवास पर छापेमारी हुई है।

रिपोर्ट

सुबह से छापेमारी जारी

रिपोर्ट के मुताबिक, CBI के अधिकारी सुबह करीब 7 बजे मुंबई के सीविंड स्थित अनिल के आवास पर पहुंचे। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 7 से 8 अधिकारी परिसर में पहुंचे और तलाशी ले रहे हैं। तलाशी के दौरान अनिल और उनका परिवार भी आवास पर मौजूद हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अनिल के आवासा के अलावा कुछ अन्य जगहों पर भी छापेमारी हुई है।

ED

ED ने भी की थी छापेमारी

ED ने 31 जुलाई की शाम अनिल की कंपनियों से जुड़े भुवनेश्वर में 3 और कोलकाता में एक ठिकाने पर छापा मारा था। ये मामला करोड़ों रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा हुआ है। इससे पहले 24 जुलाई को भी ED ने अनिल के मुंबई और दिल्ली समेत 50 से ज्यादा कंपनियों और ठिकानों पर छापेमारी की थी और दर्जनों लोगों से पूछताछ की गई थी। ये छापेमारी 3,000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले से जुड़ी थी।

वजह

ED ने क्यों मारे थे छापे?

रिलायंस समूह की कंपनियों को 2017-2019 के बीच यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपये का लोन मिला था। ED की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और समूह की अन्य इकाइयों में भेजा गया। अधिकारियों का कहना है कि लोन जारी करने से पहले यस बैंक के प्रवर्तकों से जुड़ी संस्थाओं को कुछ राशि मिली थी। ED को संदेह है कि ये बैंक अधिकारियों को मिली रिश्वत थी।