
ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला: क्या अमेरिका ने किया था भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल?
क्या है खबर?
अमेरिका ने ईरान-इजरायल युद्ध के बीच कूदते हुए रविवार (22 जून) तड़के ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद अधिकतर देश अमेरिका के कदम की निंदा कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने इस हमले को अंजाम देने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था। ऐसे में आइए इस दावे की सच्चाई और भारत की प्रतिक्रिया के बारे में जानते हैं।
दावा
सोशल मीडिया पर क्या किया जा रहा है दावा?
हमले के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था। ईरानी न्यूज चैनल की एंकर सहर इमामी ने एक्स पर लिखा, 'अमेरिकी सेना ने ईरान पर हमला करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया। नई दिल्ली की चुपचाप की गई इस मिलीभगत ने उसे इतिहास के गलत पक्ष की ओर ले गई है। ईरान इसे कभी नहीं भूलेगा।' इसके बाद अन्य लोग भी ऐसा दावा करने लगे।
सच्चाई
क्या है इन दावों की सच्चाई?
भारत ने इन दावों पूरी तरह फर्जी बताकर खारिज किया है। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) तथ्य जांच ने एक्स पर लिखा, 'कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि ऑपरेशन 'मिडनाइट हैमर' के दौरान ईरान पर हमले के लिए अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया था। यह दावा पूरी तरह फर्जी है। प्रेस ब्रीफिंग में संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ अध्यक्ष जनरल डैन केन ने अमेरिकी विमानों द्वारा इस्तेमाल किए गए मार्ग के बारे में बताया है।'
भ्रमित
पाकिस्तान ने की थी भ्रम फैलाने की शुरुआत
भारत के इस खिलाफ यह भ्रम फैलाने की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। एंकर इमामी ने अपने पहले दावे के बाद भारत की प्रतिक्रिया को देखकर इसका खुलासा किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'ईरान पर हमले के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया गया। अपनी पिछली पोस्ट में मैंने पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स का हवाला दिया था, जो गलत साबित हुईं। भ्रम के लिए माफी चाहती हूं। तेजी से बदलती परिस्थितियों में चीजें फिसल सकती हैं।'
प्रतिक्रिया
ईरान पर अमेरिकी हमलों पर भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी हमले के बाद रविवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से अमेरिकी हमलों के संबंध में चर्चा की। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और शत्रुता में कमी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लगातार बढ़ रहे तनाव कम करने के प्रति भारत के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
जानकारी
पेजेशकियन ने दिया भारत का धन्यवाद
दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट की बातचीत के दौरान पेजेशकियन ने स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भारत को क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने वाला मित्र और साझेदार बताते हुए उसके समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी दिया।
पृष्ठभूमि
अमेरिका ने किया 3 परमाणु ठिकानों पर हमला
अमेरिका ने ईरान और इजरायल संघर्ष में कूदते हुए ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इन ठिकानों में नतांज, फोर्दो और इस्फहान शामिल है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलों से तीनों परमाणु सुविधाओं बर्बाद हो गई हैं। अब ईरान को शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। इधर, ईरान ने हमले में मामूली नुकसान की बात कही है।
विमान
अमेरिका ने हमले के लिए किया बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल
अमेरिका ने नतांज और इस्फहान पर हमले के लिए टॉमहॉक मिसाइलों और फोर्दो पर हमले के लिए B2 बमवर्षक विमान और बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया था। B2 स्पिरिट विमान को सबसे परिष्कृत और गुप्त विमानों में गिना जाता है। इनकी पक्षी जैसी डिजाइन और रडार को अवशोषित करने वाली सामग्री के कारण इनका रडार की पकड़ में आना लगभग असंभव है। इसी तरह बंकर बस्टम बमों से जमीन के नीचे बंकर और सुरंगों को नष्ट किया जाता है।