हार्वर्ड रिसर्च: चीन में अगस्त 2019 में ही फैलना शुरु हो गया था कोरोना वायरस
कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर उसके जनक देश चीन पर पिछले काफी समय से कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इस वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था और उस पर सही रिपोर्ट नहीं देने का आरोप लगाया था। अब हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है। रिसर्च के अनुसार चीन में अगस्त 2019 में ही संक्रमण फैलना शुरु हो गया था।
सैटेलाइट इमेज और सर्च इंजन के आंकड़ों की मदद से किया दावा
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च टीम ने कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की मदद से वुहान शहर की अगस्त 2019 की कुछ तस्वीरों का अध्ययन किया है। इनमें वुहान शहर के अस्पतालों के बाहर बड़ी संख्या में वाहन दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले के महीनों और पिछले सालों में वुहान में इस तरह भीड़ सिर्फ संक्रमण के चलते ही नज़र आई है। स्टडी के मुताबिक, संभव है कि वायरस के पकड़े जाने से पहले ही वहां संक्रमण शुरू हो गया हो।
रिसर्च टीम ने सर्च इंजन के डाटा का भी किया अध्ययन
रिसर्च टीम ने सैटेलाइटज इमेज के साथ सर्च इंजन के डाटा का भी अध्ययन किया है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि वुहान के लोगों ने अगस्त 2019 में सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा खांसी और डायरिया जैसी बामारी से संबंधित प्रश्न डाले थे।
चीन को जानकारी नहीं होने की भी जताई आशंका
चीन में अगस्त से ही संक्रमण फैलने को लेकर यह भी आशंका जताई जा रही है कि शायद काफी समय तक चीन को खुद ही इसकी जानकारी नहीं थी। रिसर्च के मुताबिक अगस्त से ही वुहान के पांच बड़े अस्पतालों के बाहर वाहनों की काफी भीड़ थी। हालांकि, ऐसा भी हो सकता है कि उस दौरान लोगों को खांसी-बुखार और डायरिया के मरीज समझकर इलाज किया गया हो और डॉक्टरों को कोरोना वायरस के बारे में पता नहीं चला हो।
वायरस की उत्पत्ति को समझने में मिलेगी मदद
रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ जॉन ब्राउनस्टेन ने बताया कि साक्ष्य परिस्थितजन्य हैं, लेकिन उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि यह तथ्य वायरस की उत्पत्ति को समझने में काफी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में कुछ तो था। स्पष्ट रूप से कोरोना महामारी की शुरुआत माने जाने से पहले वुहान में कुछ तो ऐसा हुआ था, जिसके कारण अस्पतालों में इतनी भीड़ बढ़ी। बता दें कि चीन ने दुनिया को 31 दिसंबर को इसकी जानकारी दी थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने रिसर्च को बताया हास्यपद
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवा चुनयिंग ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोध के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह शोध हास्यास्पद है, अविश्वसनीय रूप से हास्यास्पद है, वाहनों की बढ़ती संख्या और सर्च इंजन के सतही तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जाना अजीब है।" उन्होंने कहा कि सामान्य बीमारी या अन्य किसी कारण से भी भीड़ बढ़ सकती है।
दुनिया के दावों को खारिज करता आ रहा है चीन
चीन ने 31 दिसंबर को दुनिया को कोरोना वायरस की जानकारी दी थी। उसके बाद से अमेरिका सहित कई अन्य देश लगातार आरोप लगा रहे हैं कि कोरोना के फैलने को लेकर चीन सच नहीं बोल रहा है और इससे जुड़े तथ्य भी छिपा रहा है। अमेरिका ने वायरस के वुहान की लैब से निकलने का दावा किया है। हालांकि, चीन इन सभी आरोपों का खंडन कर रहा है और पूरी जानकारी WHO को देने का दावा कर रहा है।
दुनिया में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 72.16 लाख पहुंच गई है। इनमें से अब तक 4.09 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह 35.52 लाख लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। इस वायरस से अब तक सबसे ज्यादा मौत अमेरिका में 1.13 लाख लोगों की हुई है। इसी प्रकार वहां 20.26 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में छहे पायदान पर है।