COP28 : जीवाश्म ईंधन की खपत कम करने के लिए हुआ ऐतिहासिक समझौता
आज 28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) के आखिरी दिन कई देशों ने 'जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने' के लिए ऐतिहासिक समझौते पर सहमति व्यक्त की है। दुबई में जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के उपायों पर लगभग 2 सप्ताह की बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है जो काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जलवायु खतरे को कम करने की आखिरी उम्मीद की तरह है।
COP28 जलवायु वार्ता के आखिरी दिन बनी सहमति
दुबई में COP28 में हुआ यह समझौता जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों को रोकने के लिए देशों को जीवाश्म ईंधन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की तेल कंपनी के सीईओ अल-जबर ने जलवायु शिखर सम्मेलन के एक समझौते पर कहा, "कई तेल और गैस कंपनियां पहली बार जीवाश्म ईंधन की खपत चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए आगे आई हैं। हमारे पास पहली बार अंतिम समझौते में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को धीरे-धीरे खत्म करने पर सहमति बनी है।"
क्या जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल सच में होगा खत्म?
अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन दोनों अपनी दीर्घकालिक जलवायु रणनीतियों को अपडेट करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा कि इससे दुनिया को मजबूत संदेश मिलेगा। इस समझौते को फ्रांसीसी ऊर्जा मंत्री एग्नेस पन्नियर-रुनाचेर ने इसे "बहुपक्षवाद और जलवायु कूटनीति की जीत" करार दिया। नॉर्वे के विदेश मामलों के मंत्री एस्पेन बार्थ ईड ने भी इस समझौते पर दुनिया की एकजुटता को सराहा है।
2050 तक उत्सर्जन शून्य स्तर पर कैसे जाएगा?
यह समझौता जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि ऊर्जा प्रणालियों में जीवाश्म ईंधन से उचित, व्यवस्थित और न्यायसंगत तरीके से दूरी बनाने का आह्वान है। यह समझौता 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए जीवाश्म ईंधन से न्यायसंगत तरीके से दूर जाने का आह्वान करता है। इसके अलावा या समझौता 2030 तक दुनिया की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने की भी वकालत करता है
OPEC ने पिछले प्रस्ताव पर जताई थी आपत्ति
पिछले प्रस्ताव पर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) ने आपत्ति जताई थी। इसमें उन विकल्पों की एक सूची पेश की गई थी जिन्हें धरती के खतरनाक तापन से निपटने के लिए अपनाया जा सकता था हालांकि, बुधवार को धरती का ताप बढ़ाने वाले जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिए दुनिया से आह्वान करने वाले दस्तावेज के नवीनतम मसौदे पर प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा के बाद 100 से अधिक देशों ने सहमति दी।