अमेरिकी अरबपति ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दान की 240 अरब रुपये की कंपनी
अमेरिका में बुधवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसे पचाना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। यहां आउटडोर कपड़ों की रिटेलर कंपनी 'पेटागोनिया' के संस्थापक यवोन चौइनार्ड ने 50 साल पहले शुरू की गई लगभग 240 अरब रुपये की अपनी कंपनी को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रयासों के लिए दान करने का ऐलान किया है। उन्होंने बुधवार को पेटागोनिया की वेबसाइट पर एक पत्र प्रकाशित करते हुए ये जानकारी शेयर की।
पत्र में पृथ्वी को बताया गया कंपनी का शेयरधारक
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, 95.69 अरब रुपये नेटवर्थ वाले चौइनार्ड ने अपने पत्र के शीर्षक में लिखा है 'पृथ्वी अब हमारा एकमात्र शेयरधारक है'। जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करते हुए उन्होंने लिखा, "हमारे पास जो संसाधन हैं, उनसे हम सभी को पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए पूरी कोशिश करनी होगी। कंपनी के मूल्यों को बरकरार रखते हुए संकट से लड़ने में अधिक पैसा लगाने के लिए कोई तरीका खोजना पड़ेगा।"
कंपनी का मालिकाना हक जलवायु ट्रस्ट और NGO को सौंपा
चौइनार्ड ने पत्र में आगे लिखा, "मेरे पास पेटागोनिया कंपनी को बेचने या दान करने का विकल्प था। लेकिन हमें यह नहीं मालूम था कि नया मालिक हमारे मूल्यों को बनाए रखेगा या फिर हमारी टीम को काम पर रखेगा या नहीं।" उन्होंने लिखा कि उनके पास कोई अच्छा विकल्प नहीं था, इसलिए उन्होंने कंपनी को 'पेटागोनिया पर्पस ट्रस्ट एंड होल्डफास्ट कलेक्टिव' नामक ट्रस्ट को दान कर दिया है जो जलवायु परिवर्तन केंद्रित कई गैर-लाभकारी संगठन (NGO) चलाता है।
पृथ्वी की रक्षा के लिए कंपनी का मुनाफा ट्रस्ट को दिया जाएगा
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अब ट्रस्ट की फंडिंग पेटागोनिया से आएगी जिसका वर्तमान सालाना टर्नओवर 10 करोड़ डॉलर (लगभग 800 करोड़ रुपये) है। अप्रत्याशित घटनाओं के लिए सुरक्षित किया जाने वाला कंपनी का मुनाफा अब हर साल पृथ्वी की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस राशि की मदद से ट्रस्ट जलवायु परिवर्तन से निपटने, जैव विविधता की रक्षा करने और जंगली भूमि की रक्षा करने की दिशा में कार्य करेगा।
चौइनार्ड की पत्नी और बच्चों ने भी दान की अपनी हिस्सेदारी
चौइनार्ड के साथ-साथ उनकी पत्नी और दो बच्चे भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को दान कर रहे हैं। कंपनी अब नए और पूर्व-स्वामित्व वाले आउटडोर कपड़े, मछली पकड़ने, कैंपिंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए उपकरण और खाने-पीने की चीजें भी बेचा करेगी।
न्यूजबाइट्स प्लस
जलवायु परिवर्तन का मतलब मौसम के पैटर्न और तापमान में दीर्घकालिक बदलाव है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन जैसी इंसान की गतिविधियों के कारण अभी पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है जिसे ग्लोबल वॉर्मिंग कहा जाता है। ग्लोबल वॉर्मिंग से जलवायु परिवर्तन हो रहा है और मौसम असंतुलित होता जा रहा है। इससे प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। जलवायु परिवर्तन को इंसानी अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है।