क्या आपको मालूम हैं दुनियाभर में कितनी चींटियां हैं? एक अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
दुनियाभर में शोधकर्ताओं ने कभी इंसानों पर तो कभी जानवरों पर कई शोध किए हैं, लेकिन क्या चींटियों पर भी अध्ययन किया जा सकता है? इसका जवाब है, हां।
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल की पीयर-रिव्यू प्रोसीडिंग्स द्वारा प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने दुनियाभर में चींटियों की आबादी पता लगा ली है।
इसमें चींटियों की संख्या 20,000,000,000,000,000 बताई गई है। इस संख्या को ही पढ़कर आपका सिर घूम गया ना! आइए विस्तार से जानते हैं।
आबादी और प्रजाति
चींटियों की कुल 15,700 प्रजाति और उप-प्रजाति मौजूद
अध्ययन में चींटियों की कुल गिनती 20,000,000,000,000,000 यानी 200 लाख करोड़ बताई गई है, जो पहले की वैश्विक आबादी के अनुमान से 20 गुना ज्यादा है।
इसके अलावा चींटियों की कुल 15,700 प्रजातियां और उप-प्रजातियां मौजूद हैं।
इनकी सामाजिक संरचना, आपसी तालमेल, लयबद्ध तरीके से काम को अंजाम देना और एक-दूसरे की फिक्र कई ऐसी चीजें सिखाती हैं जो दुनिया में इकोसिस्टम को बनाने और संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं।
बायोमास
सभी चींटियों में कुल कितना वजन?
अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर की चींटियों में कुल 1.20 करोड़ टन वजन होता है जो अन्य कई जीवों से बहुत ज्यादा है।
यही नहीं, दुनियाभर के सभी जंगली पक्षियों और जंगली स्तनधारियों में मिलाकर जितना वजन है, ये उससे भी ज्यादा है।
इंसानों से तुलना करें तो चींटियों का वजन सभी इंसानों के वजन के 20 प्रतिशत के बराबर है।
इससे ही समझा जा सकता है कि चींटियां प्रकृति का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
नुकसान
कम होती जीवों की आबादी के कारण पृथ्वी को हो सकता है भारी नुकसान
सालों पहले प्रसिद्ध बायोलॉजिस्ट एडवर्ड ओ विल्सन ने कहा था कि छोटे जीव ही पूरी दुनिया को संचालित करते हैं। ये बात सच है और चींटियों पर खास तौर पर फिट बैठती है।
चींटियां मिट्टी में हवा का स्तर बनाए रखने और बीजों को इधर से उधर ले जाने में मदद करती हैं। ये फूड चेन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी होती हैं।
कई ऐसी प्रजातियां हैं जो चींटियों के बिना जिंदा ही नहीं रह सकतीं।
जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन के चींटियों पर असर पर नजर रखने की जरुरत
चींटियों की सामाजिक संरचना उन्हें जलवायु परिवर्तन को सहने के काबिल बनाती है, जबकि इसके विपरीत अकेले रहने वाले जीव ऐसा नहीं कर सकते।
चींटियां इकोसिस्टम के लिए बहुत मायने रखती हैं। उनकी आबादी में आया कोई भी बदलाव या उनकी कुछ प्रजातियों को होने वाला नुकसान इकोसिस्टम पर व्यापक असर डाल सकता है।
ऐसे में जलवायु परिवर्तन के उन पर असर का नजदीकी अवलोकन करना जरूरी है, विशेषकर ये देखते हुए कि कीड़ों की संख्या कम हो रही है।
जानकारी
भविष्य में होने वाले बदलावों का अध्ययन करने में मदद करेगा शोध
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में कहा, "दुनियाभर में चींटियों की आबादी और उनके वजन का एक आधार तैयार किया गया है। इसकी मदद से भविष्य में होने वाले बदलावों को आज की स्थिति से तुलना करके आगे अध्ययन कर सकते हैं।"