पेरिस: कक्षा में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की सरेआम गला काटकर हत्या
क्या है खबर?
हाल ही में अपनी एक कक्षा में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में सरेआम सिर धड़ से अलग कर हत्या कर दी गई।
हमले के दौरान हमलावर ने "अल्लाहु अकबर" के नारे लगाए जो आमतौर पर आतंकवादी और जिहादी संगठन करते हैं। पुलिस के साथ मुठभेड़ में हमलावर मारा गया।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने इसे इस्लामिक आतंकी हमला बताया है और पुलिस भी इसे आतंकवादी हमला मानकर चल रही है।
मामला
स्कूल के पास किया गया शिक्षक पर हमला
घटना पेरिस के केंद्र से 30 किलोमीटर दूर स्थित कॉन्फ्लैन्स सेंट होनोरीन उपनगर की है। पीड़ित शिक्षक यहां के एक स्कूल में इतिहास और भूगोल पढ़ाते थे और शुक्रवार शाम 5 बजे इसी स्कूल के पास उन पर हमला किया गया।
हाथ में चाकू लिए एक शख्स ने उन पर हमला किया और सरेआम उनका सिर धड़ से अलग कर दिया। हमला करने के बाद वह तुरंत भाग गया, लेकिन इस बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को अलर्ट कर दिया।
घटनाक्रम
पुलिस को देख "अल्लाहु अकबर" चिल्लाने लगा हमलावर
घटना की जानकारी मिलने पर जब पुलिस ने हमलावर का पीछा किया और पुलिस से सामना होने पर हमलावर ने "अल्लाहु अकबर" के नारे लगाना शुरू कर दिया। पुलिस ने उससे आत्मसमर्पण करने को भी कहा, लेकिन जब उसने ऐसा नहीं किया और पुलिस को चाकू दिखाने लगा तो पुलिस ने गोली चला दी।
पुलिस की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हुआ और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है।
जानकारी
आतंक के मामले की तरह जांच कर रही पुलिस, चार लोग गिरफ्तार
फ्रांस की पुलिस ने कहा है कि वे इस हमले को "आतंकी संगठन से संबंधित हत्या" के तौर पर लेकर चल रहे हैं और इसी तरह से इसकी जांच की जाएगी। मामले में एक नाबालिग समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति बोले- हमला कायराना हरकत, शिक्षक इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, "कॉन्फ्लैन्स सेंट होनोरीन में शाम को क्या हुआ, मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता। लेकिन आज हमारे एक नागरिक को मार दिया गया। उन्होंने अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में बताया। उन्होंने उन्हें हर मुद्दे पर सोचने और यकीन करने की आजादी के बारे में बताया। उन पर हुआ हमला कारयाना हरकत है और वे 'इस्लामिक आतंकवाद' से पीड़ित हैं।"
प्रतिक्रिया
फ्रांस की संसद ने बताया बर्बर आतंकी हमला
फ्रांस के शिक्षा मंत्री ज्यां माइकल ब्लैंकर ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि एक शिक्षक का मारा जाना सीधे-सीधे फ़्रांस पर हमला है। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएं मृतक शिक्षक और उनके परिवार के साथ हैं और इस्लामिक आतंकवाद का जवाब सिर्फ एकता और दृढ़ता से ही दिया जा सकता है।
वहीं फ्रांस की संसद ने मृत शिक्षक को खड़े होकर सांकेतिक श्रद्धांजलि दी। संसद ने हमले को एक बर्बर आतंकी हमला बताया है।
मामला
शिक्षक ने कक्षा में दिखाए थे शार्ली एब्दो में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 47 वर्षीय शिक्षक ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अपनी एक कक्षा में 12 से 14 साल के बच्चों को व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो में छपे पैंगबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे।
कुछ मुस्लिम अभिभावकों ने इस पर आपत्ति जताई थी और शिक्षक को धमकियां भी मिली थीं। एक अभिभावक ने शिक्षक के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी जिसके बाद स्कूल प्रशासन और अभिभावकों के बीच एक बैठक भी हुई थी जो शांतिपूर्ण रही।
बयान
अभिभावकों और छात्रों ने कहा- बहुत अच्छे थे शिक्षक, सम्मान के तौर पर दिखाए थे कार्टून
नोर्डिन चौउडी नामक एक अभिभावक ने AFPTV से बात करते हुए कहा, "मेरे बेटे के अनुसार, वह बहुत अच्छे, बहुत दोस्ताना और बहुत दयालु थे।"
उन्होने कहा कि कार्टून दिखाते वक्त उन्होंने मुस्लिम छात्रों को ये कहते हुए कक्षा से बाहर जाने को कह दिया था कि वे उनकी भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते।
वहीं चौउटी के मुस्लिम बेटे ने रॉयटर्स से कहा कि शिक्षक ने सम्मान के तौर पर कार्टून दिखाए थे।
समर्थन
ईशनिंदा हैरान करने वाली, लेकिन वैध- शिक्षक संघ
शिक्षक संगठनों ने पीड़ित शिक्षक के साहस की तारीफ करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। नेशनल यूनियन ऑफ स्कूल टीचर्स के अध्यक्ष जीन-रेमी गिरार्ड ने BFM टीवी से कहा कि बच्चों को ये सिखाने की जरूरत है कि ईशनिंदा हैरान करने वाली हो सकती है, लेकिन वैध है। शिक्षकों ने ये भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों में से एक है।
शिक्षा मंत्री ब्लैंकर ने इसे गणतंत्र पर हमला बताया है।
विवाद
पैगंबर के कार्टून प्रकाशित करने के लिए आतंकियों के निशाने पर रही है शार्ली एब्दो
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने के लिए शार्ली एब्दो पिछले काफी समय से विवाद में रही है। मैगजीन ने सबसे पहले 2006 में पैगंबर का विवादित कार्टून प्रकाशित किया था जिसके बाद उस पर कई हमले हुए।
2015 में उसके दफ्तर में किए गए ऐसे ही एक हमले में मैगजीन के 12 कर्मचारी मारे गए थे। दो मुस्लिम भाइयों ने ये हमला किया था।
मैगजीन ने बीते महीने इन कार्टूनों को फिर से प्रकाशित किया था।