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अप्रैल के अंत में भारत आएंगे बोरिस जॉनसन, इंडो-पैसिफिक इलाके पर होगा मुख्य ध्यान

अप्रैल के अंत में भारत आएंगे बोरिस जॉनसन, इंडो-पैसिफिक इलाके पर होगा मुख्य ध्यान

Mar 16, 2021
11:29 am

क्या है खबर?

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल के अंत में भारत दौरे पर आएंगे। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद यह उनका पहला विदेशी दौरा होगा। इससे पहले वह जनवरी में भी भारत दौरे पर आने वाले थे, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के बाद उनके इस दौरे को रद्द कर दिया गया था। तब उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था।

एजेंडा

दौरे पर इंडो-पैसिफिक इलाके पर होगा जॉनसन का मुख्य ध्यान

जॉनसन के कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत दौरे पर उनका मुख्य ध्यान इंडो-पैसिफिक इलाके पर होगा और वह ब्रेक्जिट के बाद इलाके में अपने देश के लिए नए मौके तलाशना चाहेंगे। बयान में कहा गया है कि सरकारी नीति में बदलाव करते हुए ब्रिटेन आने वाले सालों में अपना ध्यान इंडो-पैसिफिक इलाके की तरफ झुकाएगा। कार्यालय ने कहा कि यह इलाका दुनिया का भू-राजनैतिक केंद्र बनता जा रहा है।

प्रयास

CPTPP और ASEAN संगठनों में शामिल होने का आवेदन कर चुका है ब्रिटेन

इंडो-पैसिफिक इलाके पर ध्यान देने की अपनी इस रणनीति के तहत ब्रिटेन ने हाल ही में 11 देशों के कॉम्प्रिहेंसिव एंड प्रोगेसिव एग्रीमेंट फॉर ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (CPTPP) गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए आधिकारिक आवेदन किया था। इसके अलावा उसने एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) का डायलॉग पार्टनर बनने के लिए भी आवेदन किया है। देश के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के अनुसार, "हम ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक दुनियाभर, खासकर इंडो-पैसिफिक इलाके, में व्यापारिक समझौतों तलाश रहे हैं।"

अहमियत

चीन के उभार और आक्रामकता के कारण बेहद अहम हो गया है इंडो-पैसिफिक इलाका

बता दें कि चीन के उभार और उसकी बढ़ती आक्रामकता के कारण इंडो-पैसिफिक इलाका इस समय दुनिया का सबसे अहम भू-राजनैतिक इलाका बना हुआ है। इस इलाके की सामरिक से लेकर संसाधनों तक, कई नजरियों से बहुत अहमियत है। चीन यहां पर अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है और लगातार इलाके के छोटे देशों को धमकाता रहता है। उसकी इसी आक्रामकता का जवाब देते हुए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश स्थानीय देशों से गठबंधन करके उसे रोकने में लगे हुए हैं।

क्वॉड

चीन को रोकने के लिए बनाया गया है क्वॉड समूह

चीन को रोकने और उसके प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने 'क्वॉड' गठबंधन भी बनाया है। बीते शुक्रवार को इस समूह के शीर्ष नेताओं के बीच पहला और ऐतिहासिक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिसन और जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए थे। बैठक में एक स्वतंत्र और शांतिमय इंडो-पैसिफिक बनाने पर जोर दिया गया।