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जापान में लोगों के दिमाग को स्कैन करके बनाई जा रहीं अनोखी कलाकृतियां, जानें कैसे
जापान में दिमाग स्कैन करके बनाई जा रही कला

जापान में लोगों के दिमाग को स्कैन करके बनाई जा रहीं अनोखी कलाकृतियां, जानें कैसे

लेखन सयाली
Jul 07, 2025
11:30 am

क्या है खबर?

लोग केहते हैं कि जापान एक ऐसा देश है, जो 2050 में जी रहा है। इस कहावत को कहने का कारण है इस देश की आधुनिकता और शानदार सुविधाएं। जापान आए दिन अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रमाण देता रहता है। इसी कड़ी में अब यहां दिमाग को स्कैन करके कला बनाई जा रही है। दरअसल, एक जापानी कंपनी लोगों की मस्तिष्क की तरंगों के जरिए कलाकृतियां बना रही है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह कैसे संभव है।

मामला

लोगों के विचारों को कला में बदलती है यह कंपनी

इस अनोखे व्यवसायिक विचार वाली कंपनी का नाम है 'BWTC मेटावर्स स्टोर', जो कि टोक्यो के चियोडा जिले में स्थित है। यह कंपनी लोगों को अपनी मस्तिष्क तरंगें बेचने के लिए आमंत्रित कर रही है, ताकि उन्हें कला में बदला जा सके। कंपनी का दावा है कि वह लोगों के आंतरिक विचारों और भावनाओं को आधुनिक कला में बदल सकती है। जब कलाकृतियां तैयार हो जाती हैं तो उन्हें बेच दिया जाता है।

पैसे

दिमाग को स्कैन करवा कर आप कमा सकेंगे पैसे

इस कंपनी ने अपने स्टोर के बाहर विज्ञापन लगा रखे हैं, जिनपर लिखा है 'हम मस्तिष्क की तरंगे खरीदते हैं।' खास बात यह है कि कंपनी दिमाग को स्कैन करवाने के लिए पैसे लेने के बजाय पैसे देती है। 100 सेकंड की मस्तिष्क की तरंगों की स्कैनिंग से प्रतिभागी 1,000 जापानी येन यानि 599 रुपये कमा सकते हैं। उद्देश्य यह सिद्ध करना है कि दिमाग की तरंगें केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि कलात्मक नजरिए से भी कारगर हैं।

प्रक्रिया

कैसे बनाई जाती हैं ये कलाकृतियां?

इस कला को बनाने की प्रक्रिया सरल है। इसके लिए दुकान में आए लोगों को एक मस्तिष्क तरंग स्कैनिंग उपकरण लगाया जाता है और आराम करने के लिए कहा जाता है। कुछ ही सेकंड में उनकी मस्तिष्क की अनूठी गतिविधि मशीन में कैद हो जाती है। इसके बाद वह तुरंत उन्हें व्यक्तिगत कलाकृति में बदल देती है। लोग इस कला को इसलिए भी पसंद करते हैं, क्योंकि इसके जरिए पता चलता है कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है।

दाम

कैसे तय होता है इन कलाकृतियों का दाम?

तैयार होने के बाद इन कलाकृतियों को बिक्री के लिए रखा जाता है। सुंदरता, डाटा के उतार-चढ़ाव की विशिष्टता और स्कैन के दौरान प्रतिभागी की मानसिकता के आधार पर कलाकृतियों का दाम तय किया जाता है। एक युवा व्यक्ति ने स्कैनिंग के दौरान ट्राम का वीडियो देखा था, जिस कारण उनकी कलाकृति का मूल्य करीब 8,200 रुपये लगाया गया। वहीं, एक अन्य व्यक्ति का ध्यान खाने पर केन्द्रित था, जिसकी वजह से उनकी कलाकृति करीब 4,600 रुपये में बिकी थी।

टीम

लोगों को बहुत पसंद आ रही यह पेशकश

BWTC की टीम ने कहा, "हम डाटा को छवियों में बदलते हैं और सभी को एक मूल्य देते हैं। इन कलाकृतियों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाता है और बेचा जाता है।" कंपनी यह भी ट्रैक करती है कि पढ़ना, एकाग्रता, ध्यान या भावनाओं जैसी मानसिक अवस्थाएं कलाकृति के सौंदर्य और मूल्य को किस तरह प्रभावित कर सकती हैं। इस कंपनी की पेशकश को जापानी लोग बहुत पसंद कर रहे हैं और बढ़-चढ़कर दिमाग को स्कैन करवा रहे हैं।