दुनिया की सबसे बुजुर्ग इंसान बनीं स्पेन की मारिया ब्रान्यास मोरेरा, 115 साल है उम्र
स्पेन के कैटेलोनिया में रहने वाली मारिया ब्रान्यास मोरेरा नामक महिला का नाम 'दुनिया के सबसे बुजुर्ग जीवित इंसान' के तौर पर गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। मोरेरा की उम्र 115 साल है और फिलहाल वह बिल्कुल स्वस्थ हैं। उन्होंने अपने जीवन में दोनों विश्वयुद्ध और स्पेन का गृह युद्ध भी देखा है। आइए जानते हैं कि इतनी उम्र होने के बावजूद मोरेरा के जीवित और स्वस्थ रहने के पीछे क्या कारण है।
22 सालों से नर्सिंग होम में रह रहीं हैं मोरेरा
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, मोरेरा का जन्म 4 मार्च, 1907 को सैन फ्रांसिस्को में हुआ था। इसके बाद आठ साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ स्पेन आ गईं थीं। यहां पिछले 22 सालों से वह रेसिडेंसिया सांता मारिया डेल तुरा नामक नर्सिंग होम में रह रहीं हैं। यहां के लोगों का कहना है कि मोरेरा की इतनी उम्र होने के बावजूद उनका स्वास्थ्य एकदम ठीक है और वह सोशल मीडिया पर एक्टिव भी रहती हैं।
मोरेरा ट्विटर अकाउंट पर रहती हैं एक्टिव
मोरेरा के पास उनका ट्विटर अकाउंट भी है, जिसे वह अपनी बेटी की मदद से अपडेट करती रहती हैं। मोरेरा ने एक पोस्ट में लंबी उम्र का कारण बताते हुए लिखा था, 'मेरी लंबी उम्र आंशिक रूप से आदेश, शांति, परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा संबंध, प्रकृति के साथ संपर्क, भावनात्मक स्थिरता, बगैर किसी चिंता के, न ही कोई पछतावा, सकारात्मकता और बुरे लोगों से दूर रहने के कारण हो सकता है। साथ ही भाग्यशाली होना भी जरूरी है।'
कैसा है मोरेरा का निजी जीवन?
मोरेरा के पति की 72 साल की उम्र में मृत्यु हो गई थी। उनके तीन बच्चे थे, जिनमें से एक ही मौत हो चुकी है। इसके अलावा उनके 11 पोते-पोतियां और 11 पड़पोते-पड़पोतियां हैं। मोरेरा की सबसे छोटी बेटी की उम्र 78 साल है। उनका कहना है, "मेरी मां कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुईं हैं। 2019 में कोरोना वायरस होने पर भी उन्होंने खुद को कमरे में बंद करके सामान्य दिनचर्या से खुद को ठीक किया था।"
मोरेरा से पहले ल्यूसिल रैंडन के नाम था यह खिताब
दुनिया की सबसे बुजुर्ग इंसान का खिताब मोरेरा से पहले फ्रांस की नन ल्यूसिल रैंडन के पास था। हालांकि पिछले मंगलवार को 118 वर्ष की आयु में रैंडन का निधन हो गया था। उनकी उम्र की वजह से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी और वह व्हीलचेयर पर ही बैठती थी। इसके बावजूद भी उन्होंने अपने से कम उम्र के बुजुर्गों की देखभाल की थीं। रैंडन को सिस्टर आंद्रे के नाम से भी जाना जाता है।