ओलंपिक: पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में अब तक किए गए सर्वश्रेष्ठ थ्रो पर एक नजर
पाकिस्तान के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है। वह 40 साल में पहली बार पाकिस्तान को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने में कामयाब रहे हैं। भाला फेंक स्पर्धा में इस खिलाड़ी ने 92.97 मीटर का शानदार थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने अपने छठे प्रयास में 91.97 मीटर का थ्रो किया। इस बीच ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में सर्वश्रेष्ठ थ्रो के बारे में जान लेते हैं।
अरशद नदीम- 92.97 मीटर
फाइनल में अरशद का पहला प्रयास फाउल था, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने 92.97 मीटर का शानदार थ्रो फेंका। 27 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने अगले तीन प्रयासों में 88.72 मीटर, 79.40 मीटर और 84.87 मीटर की दूरी तय की, जबकि अपने अंतिम प्रयास में उन्होंने 91.79 मीटर दूर भाला फेंक दिया। ओलंपिक में किसी अन्य एथलीट ने अब तक 91 मीटर का आंकड़ा पार नहीं किया है। ऐसे में अरशद इस सूची में शीर्ष 2 स्थानों पर हैं।
एंड्रियास थोरकिल्डसन- 90.57 मीटर
अरशद ने नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसन का ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ा है, जिन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर दूर भाला फेंका था। फाइनल में उन्होंने अपने पहले 4 थ्रो 84.72 मीटर, 85.91 मीटर, 87.93 मीटर और 85.13 मीटर दूर फेंके थे। हालांकि, उनका 87.93 मीटर वाला थ्रो ही उनको स्वर्ण पदक दिलाने के लिए पर्याप्त था, लेकिन थोरकिल्डसन ने अपने अगले प्रयास में 90.57 मीटर दूर भाला फेंक दिया था। इसके बाद उन्होंने अपना अंतिम प्रयास फाउल डाला था।
जान जेलेजनी- 90.17 मीटर
चेक गणराज्य के दिग्गज खिलाड़ी जान जेलेजनी ने साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने फाइनल की शुरुआत 89.41 मीटर थ्रो से की थी। ग्रेट ब्रिटेन के स्टीव बैकली ने दूसरे थ्रो 89.85 मीटर दूर फेंक दिया। जेलेजनी ने इसके बाद कमाल का खेल दिखाया और 90.17 मीटर की दूरी तय करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। उन्होंने अपने अंतिम 3 प्रयास में 2 फाउल किए और एक 88.97 मीटर दूर थ्रो किया था।
थॉमस रोहलर- 90.30 मीटर
जर्मनी के थॉमस रोहलर ने रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल में उन्होंने पहले 4 प्रयासों में 87.40 मीटर, 85.61 मीटर, 87.07 मीटर और 84.84 मीटर दूर थ्रो फेका था। केन्या के जूलियस येगो का पहला थ्रो 88.24 मीटर दूर था, इसलिए रोहलर को अपने अंतिम 2 थ्रो में और आगे जाना पड़ा था। उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 90.30 मीटर की दूरी तय की थी। येगो को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।