भारत का ऐसा अद्भुत गांव, जहां बाहरी लोगों को नहीं है कुछ भी छूने की अनुमति
हिमाचल प्रदेश में समुद्र तल से लगभग 8,700 फीट ऊपर एक अनोखा गांव बसा हुआ है, जो कई रहस्यों और विचित्र कानूनों का घर है। इस गांव का नाम है मलाणा, जहां भारत का कानून नहीं चलता है। मलाणा एक बेहद रहस्यमयी गांव है, जो अपने प्राचीन रीति-रिवाजों, अनोखी भाषा और मनमोहक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को कुछ भी छूने की अनुमति नहीं है।
कहां पर बसा है यह ऐतिहासिक गांव
यह खूबसूरत गांव बाकी दुनिया से अलग-थलग रहता है और मलाणा नदी के किनारे एक पठार पर स्थित है। यह मलाणा नाला में स्थित है, जो कुल्लू घाटी के उत्तर-पूर्व हिस्से में बसी पार्वती घाटी का एक आकर्षक हिस्सा है। इस गांव से आप चदरखानी और देव टिब्बा की मनमोहक चोटियों को देख सकते हैं। यहां आकर आप कई तरह की एडवेंचर गतिविधियां कर सकते हैं। इसे दुनिया का पहला लोकतांत्रिक गांव भी कहा जाता है।
इस गांव के लोग खुद को मानते हैं सर्वश्रेष्ठ
मलाणा के स्थानीय लोग खुद को सिकंदर के वंशज मानते हैं। उनके अनुसार, उनकी नसों में आर्य रक्त बहता है, जो इस गांव की लोकप्रियता का कारण है। यहां के ग्रामीण हर बाहरी व्यक्ति को हीन दृष्टि से देखते हैं। वे मानते हैं कि वे श्रेष्ठ हैं और बाकी दुनिया उनसे नीचे है। कहा जाता है कि मलाणा की महिलाएं कटाई, बिक्री, खाना पकाने आदि जैसे सभी काम करती हैं और यहां के सभी पुरुष दिन-रात गांजा पीते रहते हैं।
जानिए क्यों बाहरी लोगों को नहीं है कुछ भी छूने की अनुमति
मलाणा गांव में आने वाले पर्यटक यहां के स्थानीय लोगों और यहां की चीजों को नहीं छू सकते। ऐसा जाति प्रथा के कारण नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कुछ और वजह है। मलाणा के लोग आर्य वंशज होने के कारण किसी बाहरी व्यक्ति से मेलजोल न बढ़ाने के कानून को लेकर काफी सख्त हैं। अगर आप उन्हें छू लेते हैं तो आपको शुल्क चुकाना होगा। इसके अलावा, यहां के घरों, मंदिरों और अन्य चीजों को भी छूना सख्त मना है।
मलाणा गांव में किया जाता है इन अन्य कानूनों का पालन
मलाणा के लोग अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हैं, इसलिए यहां पेड़ों पर कील ठोकना, जंगल से टहनियां ले जाना या लकड़ी जलाना मना है। गांव के मामलों में पुलिस के हस्तक्षेप पर रोक एक और अजीब लेकिन वास्तविक नियम है। जिस किसी को भी पुलिस सहायता की आवश्यकता हो, उसे ग्राम परिषद को 1000 रुपये का जुर्माना देना होता है। साथ ही जो इस गांव से बाहर शादी करता है, उसे गांव से निष्कासित कर दिया जाता है।