हिमाचल प्रदेश आएं तो देखना न भूलें ये 5 अद्भुत और सुंदर झरने
हिमालय के बीच बसा हुआ हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे लोक्रपिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की सुंदर वादियों का नजारा देखते ही बनता है। इस राज्य के झरने भी बेहद मशहूर हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां आकर आपके मन को शांति मिलेगी और आप तरोताजा महसूस करेंगे। अगर आप भी हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो इन 5 खूबसूरत झरनों को देखना न भूलें।
जोगिनी झरना
मनाली के वशिष्ठ गांव के पास स्थित जोगिनी झरना एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य प्रस्तुत करता है। यह झरना हरे-भरे वातावरण के बीच बहता है, जिसे देखकर शांति महसूस होती है। इसका ट्रेक वशिष्ठ मंदिर से शुरू होता है, जिसका रास्ता देवदार के पेड़ों और बागों के बीच से जाता है। मंदिर से बागों को पार करने के बाद आप जोगिनी झरने तक पहुंचेंगे। इस झरने का मनमोहक नजारा इसे पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थल बनाता है।
रहला झरना
रोहतांग पास के रास्ते में पड़ने वाला रहला झरना यात्रियों को एक शानदार अनुधाव प्रदान करता है। ई-उत्तरांचल के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि ऋषि व्यास ने ध्यान करने के लिए इस स्थान को चुना था। इस जगह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, रहला झरना मनाली के बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है। इसकी यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर के बीच होता है, जब पानी की मात्रा अधिकतम हो।
भागसू झरना
मैक्लोडगंज के हलचल भरे शहर के पास स्थित भागसू झरना स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। हरियाली से घिरा और धौलाधार रेंज के बीच बसा यह झरना बेहद सुंदर दृश्य प्रदान करता है। यात्री इस झरने के ठंडे पानी में डुबकी लगाकर ठंडक का मजा ले सकते हैं। भागसू झरना धर्मशाला का सबसे लोक्रपिय स्थान है। अप्रैल में घूमने के लिए करें इन एशियाई देशों का चुनाव।
चैडविक झरना
चैडविक झरना एकांत की तलाश करने आए पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है, जहां समर हिल से ट्रेक करके पहुंचा जा सकता है। शिमला पर्यटन के अनुसार, चैडविक फॉल्स के नाम से एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है, जो 2 शब्दों 'चिड़कू झार' से लिया गया था । स्थानीय लोग चिड़कू को गौरैया और झर को झरना कहते हैं। झरने का नाम चैडविक इसलिए पड़ा क्योंकि लोगों का मानना था कि इसके शीर्ष को केवल गौरैया ही छू सकती है।
जाना झरना
जाना झरना जाना गांव में स्थित है, जो नग्गर में मनाली से 35 किलोमीटर दूर है। यहां आपको सेब के बाग भी देखने को मिल जाएंगे। जाना गांव में बसा यह छिपा हुआ झरना पर्यटकों की भीड़ से दूर एक शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। मनाली से जाना झरने तक लगभग 1.5 घंटे की सुंदर ड्राइव के जरिए पहुंचा जा सकता है। यहां आकर आपके मन को शांति महसूस होगी और आप अपने साथ यादों का पिटारा लेकर लौटेंगे।