प्रसिद्ध हास्य अभिनेता एरिक मोरेकैम्बे का चश्मा हुआ नीलाम, 21 लाख रुपये से अधिक लगी बोली
क्या है खबर?
पुराने जमाने के अभिनेताओं से जुड़ी वस्तुओं को जमा करना कई लोगों को पसंद होता है। फिर चाहे वह उनकी कला से जुड़ी कोई चीज हो, या उनकी कोई व्यक्तिगत वस्तु हो।
इसी कड़ी में अब पुराने समय के एक महान हास्य अभिनेता का नायाब चश्मा नीलाम किया गया है। उनका नाम एरिक मोरेकैम्बे है और वह अपने समय में लोगों के चहीते हुआ करते थे।
आइए इस नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मोरेकैम्बे
मृत्यु के 40 साल बाद बेची गईं मोरेकैम्बे की निजी वस्तुएं
मोरेकैम्बे इंग्लैंड के रहने वाले थे, जिनका जन्म 14 मई, 1926 को हुआ था। हर्टफोर्डशायर में स्थित उनके घर में मौजूद नायब वस्तुओं को नीलामी के लिए उतारा गया था, जिनमें उनका चश्मा भी शामिल था।
बता दें कि मोरेकैम्बे ने 1984 में अपनी अंतिम सांस ली थी और उनकी मृत्यु के 40 साल बाद उनकी निजी वस्तुओं को बेचा गया है।
2024 के मार्च में उनकी पत्नी जोआन का निधन हुआ, जिसके बाद ही यह नीलामी आयोजित की गई।
नीलामी
21 लाख से भी महंगा बिका मोरेकैम्बे का चश्मा
इन सभी वस्तुओं की नीलामी हैनसन नीलामीकर्ता नामक नीलामी घर द्वारा करवाई गई थी। उनके द्वारा पहना जाने वाला चश्मा नीलामी का मुख्य आकर्षण रहा, जिसकी कीमत 21 लाख रुपये से अधिक लगाई गई।
इसके साथ ही उनकी 2 पुरानी तस्वीरें और बार्लिंग ब्रियर पाइप (सिगार) भी बेचे गए। अन्य वस्तुओं में एडिनबर्ग के दिवंगत ड्यूक द्वारा भेजे गए टेलीग्राम और मार्गरेट थैचर, रोनी बार्कर व टॉमी कूपर के पत्र भी शामिल थे।
अन्य वस्तुएं
नीलामी में बेची गईं मोरेकैम्बे की ये अन्य चीजें
मोरेकैम्बे को धूम्रपान वाले पाइपों का शौक था, जिनको 1.15 लाख रुपये में बेचा गया है।
उन्हें 1976 में ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के अधिकारी (OBE) बनाया गया था और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा प्रदान किया गया उनका पदक 11 लाख रुपये में बिका।
इसके अलावा, मोरेकैम्बे का एक टेलकोट और पतलून, लेखन डेस्क और घड़ी नीलाम होने वाली अन्य वस्तुओं में शामिल थीं।
वेल्स के तत्कालीन राजकुमार का उनके लिए लिखा गया पत्र 2 लाख में नीलाम हुआ।
बयान
नीलामी घर के मालिक ने जताई खुशी
हैनसन नीलामी घर के मालिक चार्ल्स हैनसन ने कहा, "हम इस नीलामी में मिलने वाली राशि को देखकर हैरान हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मोरेकैम्बे की विरासत लाखों के दिलों में जीवित है और वस्तुओं की कीमतें न केवल उनकी गुणवत्ता और विशिष्टता को दर्शाती हैं, बल्कि प्रशंसकों के गहरे स्नेह को भी दर्शाती हैं।"
इस नीलामी की सफलता से यह साफ हो गया कि कलाकार चाहे दुनिया को अलविदा क्यों न कह दे, लेकिन उसकी कला हमेशा जिंदा रहती है।