शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला टीम की सदस्य कौन-कौन हैं?
शतरंज ओलंपियाड में बीते रविवार को भारत ने इतिहास रच दिया। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित हुई इस प्रतिष्ठित शतरंज प्रतियोगिता में भारत ने ओपन (पुरुष) और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण जीतने में सफलता हासिल की। महिला टीम में इस बार रमेशबाबू वैशाली, हरिका द्रोणावल्ली, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और दिव्या देशमुख ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया। आइए इन महिला खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं।
रमेशबाबू वैशाली
वैशाली का जन्म 21 जून, 2001 को चेन्नई में हुआ है। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं। दिलचस्प बात यह है कि वैशाली के छोटे भाई आर प्रगनानंदा भी ग्रैंडमास्टर हैं और शतरंज ओलंपियाड 2024 में ओपन टीम के साथ स्वर्ण जीत चुके हैं। वैशाली अगस्त 2021 में भारत की 10वीं इंटरनेशनल महिला मास्टर बनी थी। उनके कोच आरबी रमेश हैं।
2022 में हुए ओलंपियाड में कांस्य जीत चुकी हैं वैशाली
वैशाली इससे पहले 2022 में हुए ओलंपियाड में महिला टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। उन्हें इसी साल अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
हरिका द्रोणावल्ली
द्रोणावल्ली का जन्म 12 जनवरी, 1991 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ। वह कोनेरू हम्पी के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं थी। उन्होंने 2012, 2015 और 2017 में महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में 3 कांस्य पदक जीते थे। वह 2022 में हुए ओलंपियाड में महिला टीम के साथ कांस्य पदक जीत चुकी थी। द्रोणावल्ली को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007-08 के लिए अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
वंतिका अग्रवाल
विकिपीडिया के मुताबिक, वंतिका का जन्म 28 सितंबर, 2002 को हुआ है। 2016 में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-14 आयु वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 2020 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय टीम के साथ FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड जीता था। उन्होंने 2021 में महिला ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल किया था। वह शतरंज ओलंपियाड 2024 में महिला टीम के साथ-साथ व्यक्तिगत स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही हैं।
तानिया सचदेव
तानिया सचदेव का जन्म 20 अगस्त, 1986 को दिल्ली में हुआ। 2005 में सचदेव महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाली आठवीं भारतीय खिलाड़ी बनीं थी। उन्होंने 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीती। इसके बाद वह 2008 से महिला शतरंज ओलंपियाड में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेलती रही हैं। उन्होंने 2022 में चेन्नई में हुए ओलंपियाड में महिला टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीते थे।
दिव्या देशमुख
9 दिसंबर, 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या देशमुख ने शतरंज ओलंपियाड 2024 में व्यक्तिगत स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता। उनके पिता, जीतेंद्र देशमुख और माता नम्रता देशमुख पेशे से डॉक्टर हैं। दिव्या 2021 में भारत की 21वीं महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर बनीं थी। उन्होंने 2022 महिला भारतीय शतरंज चैंपियनशिप जीती और इसी साल शतरंज ओलंपियाड में व्यक्तिगत कांस्य पदक भी जीता था। वह स्वर्ण पदक जीतने वाली FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड 2020 टीम का भी हिस्सा थीं।