चेस ओलंपियाड जीतने वाली भारतीय टीम को स्वर्ण पदक पर चुकानी पड़ी कस्टम ड्यूटी
12 लोगों की भारतीय टीम ने अगस्त 2020 में ऑनलाइन चेस ओलंपियाड में FIDE (इंटरनेशनल चेस फेडरेशन) में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। सर्वर की खराबी के कारण भारत और रूस को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया था। भारतीय टीम के उप-कप्तान श्रीनाथ नारायण ने अब खुलासा किया है कि गोल्ड मेडल लेने के लिए उन्हें कस्टम के लोगों को टैक्स देना पड़ा है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
अधिकारियों को दिखाने पड़े कई तरह के कागज
मिंट के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान नारायण ने बताया कि उन्होंने कस्टम के अधिकारियों को कई कागज दिखाए थे। उन्होंने कहा, "उन्होंने पैकेज को खोला और मुझसे पूछा कि इसके अंदर क्या है। मुझे केमिकल कंपोजीशन को लेकर उन्हें एक ऑफिशियल कागजात भी देना पड़ा था। बावजूद इसके कि किसी प्रतियोगिता में जीता गया गोल्ड मेडल वास्तव में सोने का नहीं होता है।"
नारायण ने ट्विटर पर बताया पूरा मामला
तंग आकर चुका दी रकम- नारायण
एक हफ्ते के बाद कूरियर सर्विस DHL Express India Pvt Ltd ने पैकेज को बेंगलुरु से चेन्नई पहुंचाया। उन्होंने नारायण से मेडल्स के लिए 6,300 रूपय की कस्टम ड्यूटी चुकाने को कहा। नारायण ने कहा कि उन्हें नहीं समझ आया कि उनसे इस रकम की मांग क्यों की गई क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके लिए अलग नियम बना रखा है। उन्होंने कहा, "मैं इन सब चीजों से काफी तंग आ गया था तो मैंने रकम चुका दी।"
कंपनी ने किया संपर्क, पैसे लौटाने का किया वादा
नारायण ने 02 दिसंबर को ही अपनी परेशानी ट्विटर पर जाहिर की थी और लोगों ने इसे गंभीरता से लिया। बीते शुक्रवार को उन्होंने अपडेट देते हुए लिखा, "खुश हूं कि आधे से अधिक खिलाड़ियों तक मेडल पहुंच गए हैं। DHL एक्सप्रेस ने मुझसे संपर्क किया और परेशानी के लिए मुझसे मांफी मांगी। उन्होंने पैसे वापस करने का वादा किया है। खेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी सपोर्ट करने के लिए संपर्क किया है।"
भारत और रूस को घोषित किया गया संयुक्त विजेता
2020 FIDE ऑनलाइन चेस ओलंपियाड में भारत और रूस को संयुक्त विजेता घोषित किया गया। इंटरनेट की खराबी और सर्वर में परेशानी आ जाने के कारण फाइनल में परेशानी हुई थी। भारत सेकेंड राउंड में 1.5-4.5 से हारा था और फिर रविवार को उन्हें पूरा मैच ही गंवाना पड़ा था। भारतीय टीम ने साधारण तरीके से FIDE की रीव्यू कमेटी के पास इंटरनेट की समस्या को लेकर अपील किया था और कमेटी ने दोनो को टाइटल देने का निर्णय लिया।