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    चेन्नई के गुकेश बने शतरंज में दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर
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    चेन्नई के गुकेश बने शतरंज में दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर

    लेखन Neeraj Pandey
    January 17, 2019 | 10:35 am 1 मिनट में पढ़ें
    चेन्नई के गुकेश बने शतरंज में दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर

    बीते मंगलवार को तमिलनाडु के रहने वाले डी गुकेश शतरंज में विश्व के दूसरे सबसे कम उम्र और भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने हैं। पिछले साल जून में तमिलनाडू के ही प्रगन्नानंधा ने यह रिकॉर्ड बनाया था लेकिन 12 साल सात महीने और 17 दिन की उम्र वाले गुकेश ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने विश्व के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बनने का मौका गंवाया था।

    भारत के 59वें ग्रैंड मास्टर बने

    गुकेश ने अपना तीसरा और फाइनल ग्रैंड मास्टर का तमगा दिल्ली में चल रही 17वीं इंटरनेशनल ओपन चेस टूर्नामेंट में हासिल किया। उन्होंने नौवे राउंड में अपने विपक्षी डीके शर्मा को मात दी और भारत के 59वें ग्रैंड मास्टर बने। बॉबी फिश्चर और भारत के मास्टर खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को अपना आदर्श मानने वाले इस युवा खिलाड़ी ने बताया कि वह अपनी इस उपलब्धि पर बेहद खुश और रोमांचित है।

    पिछले साल दिसंबर में विश्व रिकॉर्ड बनाने से चूके

    2002 में 12 साल और सात महीने की उम्र में ग्रैंड मास्टर बनने वाले यूक्रेन के सर्जी कर्जाकिन का विश्व रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ सका है। हालांकि पिछले साल दिसंबर में बार्सिलोना में हुई सनवे सिटगेस इंटरनेशनल टूर्नामेंट पर गुकेश के पास इस रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका था। लेकिन इटली के ग्रैंड मास्टर डेनिले वोकाटूरो के खिलाफ अपना तीसरा राउंड हारकर उन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम करने का मौका गंवा दिया था।

    माता-पिता के साथ खेलना किया था शुरु

    गुकेश के माता-पिता दोनों ही डॉक्टर हैं और उनके साथ ही घर में उन्होंने शतरंज खेलना शुरु किया था। उनके इंट्रेस्ट को देखते हुए उनके पिता ने सात साल की उम्र में उन्हें समर कैंप भेजा जहां एमएस भास्कर उनके कोच थे। भास्कर के अलावा विष्णु प्रसन्ना और कुछ अन्य लोगों द्वारा मार्गदर्शित किए जाने वाले गुकेश ने धीरे-धीरे अपना नाम बना लिया। 2018 में बैंकाक ओपन में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड मास्टर सम्मान जीता था।

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