शतरंज: आर प्रगनानंदा ने मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराया, शीर्ष रैंक वाले भारतीय बने
भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रगनानंदा ने टाटा स्टील मास्टर्स के चौथे दौर के मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराने का कारनामा किया है। इस जीत के साथ ही वह शीर्ष रैंक वाले भारतीय ग्रैंडमास्टर बने हैं। उन्होंने विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़कर ये उपलब्धि हासिल की है। प्रगनानंदा अब आनंद के बाद ही क्लासिकल शतरंज में मौजूदा विश्व चैंपियन को हराने वाले दूसरे भारतीय बन गए।
पिछले साल भी डिंग को हरा चुके हैं प्रगनानंदा
काले मोहरों से खेलते हुए प्रगनानंदा ने शुरू से ही बोर्ड पर बढ़त हासिल थी। इस साल टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता में 3 ड्रॉ के बाद चौथे दौर में यह उनकी पहली जीत है। बता दें कि प्रगनानंदा ने पिछले साल 17 जनवरी को इसी प्रतियोगिता में डिंग को काले मोहरों से हराया था। हालांकि, उस समय डिंग विश्व नंबर 2 ग्रैंडमास्टर थे। डिंग पिछले साल रूस के इयान नेपोम्नियाचची को हराकर विश्व चैंपियन बने थे।
प्रगनानंदा ने जाहिर की अपनी खुशी
चीन के विश्व चैंपियन पर जीत ने बाद प्रगनानंदा ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने चेस डॉट कॉम से कहा, "मुझे लगता है कि किसी भी दिन यदि आप इतने मजबूत खिलाड़ी को हराते हैं, तो यह हमेशा विशेष होता है क्योंकि उन्हें हराना बहुत आसान नहीं होता है। क्लासिकल शतरंज में विश्व चैंपियन के खिलाफ पहली बार जीतना सुखद अनुभव है। टूर्नामेंट के अंत तक ऊर्जा बरकरार रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है।"
शीर्ष रैंक वाले भारतीय ग्रैंडमास्टर बने प्रगनानंदा
इस जीत की बदौलत प्रगनानंदा 5 बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद से आगे निकल गए। वह अब FIDE की लाइव रेटिंग में 2748.3 रेटिंग के साथ देश के शीर्ष रैंक वाले शतरंज खिलाड़ी बन गए, जबकि आनंद के 2748 रेटिंग अंक हैं। इस रैंकिंग में अन्य भारतीय ग्रैंडमास्टर की बात करें तो विदित संतोष गुजराती (2742.2), अर्जुन एरिगैसी (2738.0) और डी गुकेश (2721.3) का नंबर आता है।
कौन हैं ग्रैंडमास्टर प्रगनानंदा?
प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ है। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रगनानंदा की बड़ी बहन वैशाली भी शतरंज खेलती हैं। बता दें वैशाली अगस्त 2021 में भारत की 10वीं इंटरनेशनल महिला मास्टर बनी थी। प्रगनानंदा 2 बार मैग्नस कार्लसन को भी हरा चुके हैं।