टोक्यो ओलंपिक: मनु भाकर की पिस्टल में क्या खराबी थी और दूसरी बंदूक क्यों नहीं ली?
टोक्यो ओलंपिक में बीते रविवार की सुबह स्टार भारतीय निशानेबाज मनु भाकर विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। मैच के दौरान मनु की पिस्टल में खराबी आई जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ा। पिस्टल में आई खराबी के चलते वह करीब पहुंचकर क्वालीफाई नहीं कर सकीं और बाद में उन्हें रोते हुए भी देखा गया। आइए जानते हैं मनु की पिस्टल में क्या खराबी थी और क्यों उन्होंने नई पिस्टल क्यों नहीं ली।
कोच ने बताई क्या थी पिस्टल में खराबी
Scroll के मुताबिक टोक्यो में मौजूद पिस्टल कोच रोनल पंडित ने बताया कि मनु की पिस्टल की कॉकिंग लिवर टूट गई थी और उसे बदलते समय सर्किट में समस्या आ गई। उन्होंने बताया, "इसी लिवर को खींचने के बाद बैरल खुलती है और आप बंदूक को लोड कर पाते हैं। इसके खराब होने के कारण वह बंदूक को लोड नहीं कर पा रही थीं और फिर सर्किट ने भी काम करना बंद कर दिया था।"
इवेंट के दौरान मौजूद पत्रकारों ने दी थी मनु के पिस्टल में खराबी की जानकारी
शूटिंग क्वालिफिकेशन लाइव नहीं दिखाया जाता है, लेकिन शूटर्स के स्कोर को रियल टाइम में अपडेट किया जाता रहता है। मैच के बीच में मनु के स्कोर अपडेट होने बंद हो गए थे, जबकि अन्य शूटर्स के स्कोर लगातार आ रहे थे। पहले सबको लगा कि मनु ने ब्रेक लिया है, लेकिन वहां मौजूद पत्रकारों ने खुलासा किया कि मनु के पिस्टल में खराबी आने के कारण उन्हें मजबूरी में ब्रेक लेना पड़ा था।
मनु ने क्यों नहीं इस्तेमाल की दूसरी बंदूक?
शूटर्स के पास एक स्पेयर गन भी होती है, लेकिन पंडित ने बताया कि क्यों उन्होंने स्पेयर गन लेने की बजाय उसी गन को सही करने का फैसला लिया था। उन्होंने बताया, "स्पेयर गन भी 90 प्रतिशत आपकी मुख्य गन की तरह होती है। आपको मुख्य गन की तरह ट्रिगर और ग्रिप बनाने की जरूरत होती है जो लगभग असंभव है। स्पेयर गन लेकर उसे पहले वाले की तरह बनाने में भी लगभग उतना ही समय खर्च होने वाला था।"
काफी अधिक समय की हो गई थी बर्बादी
लिवर बदलने के दौरान सर्किट में खराबी आने और फिर ऑफिशियल के साथ गलतफहमी होने के कारण अधिक देरी हो गई। कोच ने बताया, "ऑफिशियल आपको गन लेकर एक निश्चित इलाके में जाने की अनुमति देते हैं। इसके बाद दोबारा शूटिंग करने के लिए भी अनुमति हासिल करनी होती है, लेकिन इसमें दो-तीन मिनट और खराब हो गए। अंत में 44 शॉट लेने के लिए 36 मिनट का समय बचा था।"
75 मिनट में लगाने होते हैं 60 शॉट
10 मीटर एयर पिस्टल में एक शूटर को छह सीरीज में 60 शॉट लेने के लिए 75 मिनट का समय मिलता है। शॉट्स आठ, नौ और 10 के साथ इनर 10 के रूप में लगाए जाते हैं जिसमें इनर 10 को टाईब्रेकर माना जाता है। मनु की पिस्टल में खराबी आने के समय उन्हें 55 मिनट में 44 शॉट लगाने थे और बाकी उन्हें 36 मिनट में पूरे करने थे।