
#NewsBytesExclusive: ओलंपिक की तैयारियों को लेकर युवा शूटिंग स्टार मनु भाकर ने क्या कहा?
क्या है खबर?
शूटिंग एक ऐसा खेल है जिससे ओलंपिक में भारत को हमेशा उम्मीद रहती है और इस बार के ओलंपिक में भी यह उम्मीद कायम रहेगी।
17 साल की उम्र में जहां तमाम बच्चे अपना करियर तलाश रहे होते हैं, वहीं इस उम्र में एक होनहार एथलीट हैं जो भारत का नाम ऊंचा कर रही हैं।
हम बात कर रहे हैं युवा शूटिंग स्टार मनु भाकर की, जिनसे हमने उनके जीवन, करियर और ओलंपिक समेत तमाम मुद्दों पर बात की।
परिचय
परिचय की मोहताज नहीं है 17 वर्षीया मनु
18 फरवरी, 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में जन्मीं मनु ने काफी कम समय में ही बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।
मनु ने 2018 यूथ ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड और मिक्स्ड इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था।
पिछले साल नई दिल्ली, म्यूनिख, बीजिंग और ब्राज़ील में हुए विश्व कपों में उन्होंने लगातार चार मिक्स्ड इवेंट गोल्ड मेडल जीते।
2019 में ही उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था।
शूटिंग ही क्यों?
काफी खेलों में हिस्सा लेने के बाद शूटिंग को अपनाया
मनु ने शूटिंग शुरु करने से पहले कई अन्य खेलों में भी हाथ आजमाया और कुछ में नेशनल लेवल पर पदक भी जीते।
शूटिंग में आने को लेकर मनु ने कहा, "मैं शुरु से ही खेलों से जुड़ी रही। अलग-अलग तरह के खेलों में मैंने खुद को आजमाया। कुछ अलग करने की कोशिश रहती थी और इसी कारण शूटिंग में आई। शायद मेरा भाग्य मुझे यहीं लाना चाहता था।"
जानकारी
मर्चेंट नेवी में इंजीनियर हैं मनु के पिता
मनु के पिता मर्चेन्ट नेवी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। उनके दादाजी भी भारतीय सेना में रहे थे। अच्छा परिवार होने के कारण मनु को आर्थिक रूप से तो कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने खेल में काफी संघर्ष किया है।
पढ़ाई
शूटिंग की प्रैक्टिस के कारण पढ़ाई पर पड़ता है बोझ
17 साल की मनु फिलहाल बीए आनर्स की पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन उनके लिए एक समय पर दो काम कर पाना काफी मुश्किल होता है।
पढ़ाई और शूटिंग के बारे में मनु कहती हैं, "मैं ज़्यादातर समय शूटिंग में ही बिताती हूं। शूटिंग के दौरान मिलने वाले ब्रेक के दौरान मैं पढ़ाई करने की कोशिश करती हूं। मौका लगता है तो मैं कॉलेज भी जाती हूं।"
जानकारी
मनु के हैं काफी कम दोस्त
मनु बताती हैं कि उनके दोस्तों की संख्या काफी कम है। हालांकि, उनके जितने भी दोस्त हैं वे उन्हें शूटिंग स्टार होने के कारण अलग नजरिए से नहीं देखते हैं बल्कि वे सब उनके साथ आम व्यवहार ही करते हैं।
मेडल की उम्मीद
ओलंपिक में मेडल की उम्मीद से नहीं बढ़ता प्रेशर- मनु
मनु से इस साल ओलंपिक में मेडल लाने की उम्मीद की जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि वह भारत के लिए मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद हैं।
मेडल की उम्मीद के बारे में मनु ने कहती हैं, "लोगों द्वारा मेडल की उम्मीद लगाने से मेरे ऊपर प्रेशर नहीं पड़ता। मेरे ख्याल से यह लोगों का प्यार और सपोर्ट है जो वे मुझे दे रहे हैं।"
बयान
ओलंपिक के लिए काफी मेहनत कर रही हैं मनु
ओलंपिक की तैयारी पर मनु ने कहा, "मैं ओलंपिक के लिए काफी कड़ी ट्रेनिंग ले रही हूं। मेरी तैयारी ओलंपिक के लिए काफी अच्छी चल रही है। मैं लगातार इसे जारी रखना चाहती हूं।"
महिलाएं
हरियाणा की महिलाओं का आगे आना सकारात्मक संदेश- मनु
फिलहाल हरियाणा में कई महिला एथलीट्स हैं और आगे भी काफी सारी एथलीट्स के आने की उम्मीद है।
महिलाओं के प्रति बदलाव पर मनु ने कहा, "पहले के समय में ज़्यादा लोग अपनी बेटियों को बाहर नहीं जाने देते थे। आज के समय लोग बेटियों को पढ़ा रहे हैं और इसके साथ ही बेटियां स्पोर्ट्स में भी दिलचस्पी ले रही हैं।"
मनु ने यह भी कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान सफल हो रहा है।
मदद
पेरेंट्स और कोच ने की काफी मदद
मनु ने बताया कि उन्हें खेल को अपनाने के लिए उनके पेरेंट्स ने काफी मदद की।
वह कहती हैं, "नेवी में होने के कारण पिताजी ज़्यादातर समय बाहर रहते थे, लेकिन मां मुझे पार्क में ले जाकर खेलने के लिए प्रोत्साहित करती थीं।"
शूटिंग में आने के बाद मनु के पिता और उनके भाई ने लगातार उन्हें सपोर्ट दिया।
मनु के पिता ने बताया, "मनु के कोच जसपाल राणा इतने सपोर्टिव हैं कि वह फोन पर भी उपलब्ध रहते हैं।"
कोच का परिचय
कौन हैं मनु के कोच जसपाल राणा?
मनु के कोच जसपाल राणा खुद दिग्गज शूटर रह चुके हैं। राणा ने 1994 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।
1994 में ही 18 साल की उम्र में उन्हें अर्जुन अवार्ड और 21 साल की उम्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका था।
43 वर्षीय राणा उत्तराखंड के रहने वाले हैं और भाजपा के लिए लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। फिलहाल के समय में राणा कांग्रेस पार्टी के सदस्य और नेशनल जूनियर पिस्टल कोच हैं।
पिता का दुख
अवार्ड्स नहीं मिलने से दुखी हैं मनु के पिता
मनु के पिता इस बात से दुखी हैं कि इतनी कम उम्र में भी इतना शानदार प्रदर्शन करने वाली उनकी बेटी पर सरकार ध्यान नहीं दे रही हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले साल मनु को अर्जुन अवार्ड के लिए अनदेखा कर दिया गया। इस साल स्पोर्ट्स से कई लोगों को पद्मश्री मिला, लेकिन एक बार फिर मनु को अनदेखा कर दिया गया। लगातार ऐसा होने से काफी दुख होता है।"
बयान
न्यूजबाइट्स के रीडर्स को मनु का संदेश
मनु ने अपने संदेश में कहा, "आप जिस चीज को भी मन लगाकर करेंगे उसमें सफलता मिलेगी। कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। मेहनत करते रहो फल मिलेगा। आपको जो चीज पसंद है उसे मन लगाकर करो।"