प्रीमियर लीग: सिटी को ज़्यादा पैसे खर्च करने से रोका जाए तभी हम खिताब जीतेंगे- मोरीनियो
मैनचेस्टर यूनाइटेड के मैनेजर होज़े मोरीनियो का कहना है कि जब तक मैनचेस्टर सिटी इस तरह खर्च करती रहेगी यूनाइटेड के लिए प्रीमियर लीग जीत पाना मुमकिन नहीं है। मोरीनियो के मुताबिक यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (UEFA) को फाइनेंशियल फेयर प्ले रूल्स के उल्लंघन पर ध्यान देना चाहिए। यदि ऐसा होता है तभी यूनाइटेड के पास प्रीमियर लीग खिताब के लिए दावेदारी प्रस्तुत कर पाना मुमकिन होगा। हालांकि सिटी ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
2012-13 से प्रीमियर लीग नहीं जीती है यूनाइटेड
प्रीमियर लीग की सबसे ज़्यादा सफल टीम मैनचेस्टर यूनाइटेड पिछले 5-6 सालों से काफी बुरे दौर से गुजर रही है। क्लब ने 2012-13 के बाद से प्रीमियर लीग खिताब नहीं जीता है। पिछले सात सीजन से यूनाइटेड ने मैनेजर्स को बदला, कुछ नए खिलाड़ी लाए, लेकिन फिर भी टीम खिताब नहीं जीत सकी है। वर्तमान मैनेजर मोरीनियो के अंडर भी टीम फिलहाल प्रीमियर लीग में कमाल नहीं दिखा पा रही है। हालांकि यूनाइटेड ने यूरोपा लीग का खिताब जीता था।
लागू होना चाहिए फाइनेंशियल फेयर प्ले- मोरीनियो
यूनाइटेड कब प्रीमियर लीग जीतेगी इस बात के जवाब में मोरीनियो का कहना है कि उन्हें यह तो नहीं पता है, लेकिन विपक्षी टीमों के खर्च करने की क्षमता काफी बड़ा फैक्टर है। मोरीनियो के मुताबिक यदि विपक्षी टीमें ऐसे ही खर्च करती रहीं तो फिर उनके लिए दिक्कतें और भी बढ़ेंगी। विपक्षियों को फाइनेंशियल फेयर प्ले के द्वारा रोका जाना चाहिए और उसके बाद ही हम इस अंतर को कुछ कम कर सकते हैं।
इस सीजन आठवें नंबर पर है यूनाइटेड
यूनाइटेड के लिए यह सीजन बहुत अच्छा नहीं रहा है और टीम फिलहाल आठवें स्थान पर है। लीग टॉपर्स, मैनचेस्टर सिटी फिलहाल यूनाइटेड से 18 अंक आगे है और ऐसा लग रहा है कि उनका प्रीमियर लीग खिताब जीत पाना मुमकिन नहीं है। यूनाइटेड ने कुल 15 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने छह मैच जीते हैं और पांच ड्रॉ खेले हैं। इस सीजन यूनाइटेड को अब तक चार हार का सामना करना पड़ा है।
क्या है फाइनेंशियल फेयर प्ले रूल?
इस नियम के मुताबिक यूरोपियन क्लब्स केवल उतना ही खर्च कर सकती हैं, जितना वे कमाती हैं। UEFA ने इस नियम को इसलिए बनाया था, क्योंकि ज्यादातर टीमें अपनी कमाई से ज्यादा खर्च करके कर्ज में डूबी रहती थीं। इस नियम को 2010 में मंजूरी मिली थी और इसे 2011 से शुरू किया गया था। नियम लागू होने के बाद से यूरोपियन मुकाबले खेलने वाली सारी टीमों को साबित करना होता है, कि उन्होंने अपने बिल चुका दिए हैं।