क्रिकेट विश्व कप: दो देशों के लिए विश्व कप खेल चुके खिलाड़ियों पर एक नजर
क्या है खबर?
क्रिकेट विश्व कप हमेशा लोगों को रोमांचित करने का काम करता है क्योंकि लोग चार साल तक इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं।
हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने देश के लिए क्रिकेट के सबे बड़े टूर्नामेंट विश्व कप में खेले, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो एक नहीं बल्कि दो देशों के लिए विश्व कप खेल चुके हैं।
जानें, दो देशों के लिए विश्व कप खेल चुके खिलाड़ियों के बारे में।
केप्लर वेसेल्स
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के लिए विश्व कप खेलने वाला खिलाड़ी
केप्लर वेसेल्स ने 1983 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेला था, लेकिन विश्व कप के बाद खराब फॉर्म के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
टीम से बाहर होने के बाद वेसेल्स ने अपने पैतृक स्थान दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का निर्णय लिया।
वेसेल्स को 22 साल बाद वापसी कर रही बिना अनुभव की दक्षिण अफ्रीकी टीम का कप्तान बनाया गया और 1992 विश्व कप में वेसेल्स ने अपनी कप्तानी में सेमीफाइनल में पहुंचाया था।
एंडरसन कमिंस
वेस्टइंडीज के लिए खेलने के 15 साल बाद कनाडा के लिए खेले
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोंस को अपनी बाउंसर से घायल करने वाले वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज एंडरसन कमिंस ने भी दो देशों के लिए विश्व कप खेला है।
1992 विश्व कप में वेस्टइंडीज के लिए खेलने वाले कमिंस उस दौर में काफी अच्छे गेंदबाज माने जाते थे।
2007 में 15 साल बाद उन्होंने कनाडा के लिए विश्व कप खेला और इसके साथ ही वह दो देशों के लिए विश्व कप खेलने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए।
एड जॉयस
इंग्लैंड छोड़कर आयरलैंड जाने वाला खिलाड़ी
एड जॉयस भी उन तमाम खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं जो किसी अन्य देश में पैदा होने के बाद इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं।
हालांकि, इंग्लैंड के लिए खेलने के बाद वापस जाकर आयरलैंड के लिए खेलने वाले वह शायद इकलौते खिलाड़ी होंगे।
2007 विश्व कप में इंग्लैंड के लिए खेलने के बाद 2011 विश्व कप में जॉयस ने आयरलैंड के लिए खेलने का निर्णय लिया।
इयोन मोर्गन
आयरलैंड में हुए फेल, लेकिन इंग्लैंड में चमके
इयोन मोर्गन ने 2007 विश्व कप आयरलैंड के लिए खेला था, लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।
इसके बाद मोर्गन ने इंग्लैंड के लिए खेलने का निर्णय लिया। 2011 विश्व कप में उन्हें नहीं चुना गया था, लेकिन केविन पीटरसन के चोटिल होने के बाद उन्हें खेलने का मौका मिला।
2015 विश्व कप में वह इंग्लिश टीम के कप्तान थे तो वहीं 2019 विश्व कप में भी वह इंग्लैंड को लीड करेंगे।