ओलंपिक में कैसे हुई मैराथन दौड़ की शुरुआत? जानिए इससे कैसे जुड़ा है सैनिक का बलिदान
क्या है खबर?
पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 अगस्त को पुरुष और 11 अगस्त को महिलाओं की मैराथन दौड़ का आयोजन होगा।
महिलाओं की इस मैराथन के साथ ही ओलंपिक का समापन भी हो जाएगा। इस मैराथन में दुनियाभर के धावक हिस्सा लेंगे।
ओलंपिक में इस मैराथन दौड़ का इतिहास काफी पुराना रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक में मैराथन दौड़ की शुरुआत कैसे हुई थी।
चलिए आज आपको इसकी शुरुआत के पीछे की दिलचस्प कहानी बताते हैं।
शुरुआत
आधुनिक ओलंपिक में कैसे हुई मैराथन की शुरुआत?
ओलंपिक के आयोजन के लिए पियरे डे कोबेर्टिन ने 23 जून, 1894 को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना की थी और यूनानी व्यापारी देमित्रिस विकेलस इसके पहले अध्यक्ष थे।
इस कार्यकारिणी ने 1896 में एथेंस में पहले आधुनिक ओलंपिक का आयोजन करने का निर्णय किया था।
उस दौरान IOC के प्रतिनिधियों में से एक मिशेल ब्रेल ने ग्रीक सैनिक फीडिपिडीज के बलिदान को याद करते हुए ओलंपिक में लंबी दूरी की दौड़ को शामिल करने का सुझाव दिया था।
तर्क
ब्रेल ने फीडिपिडीज को लेकर क्या दिया था तर्क?
ब्रेल ने इस दौड़ को शामिल करने को लेकर तर्क दिया था कि 492 ईस्वी पूर्व ग्रीक सेना ने मैराथन नामक जगह पर हमलावर फारसी सेना को हराया दिया था।
जीत का संदेश मैराथन से 25 मील (40 किलोमीटर) दूर एथेंस तक पहुंचाने के लिए ग्रीक सैनिक फीडिपिडीज को चुना था।
इसके बाद फीडिपिडीज दौड़ते हुए एथेंस पहुंचे और चिल्लाते हुए संदेश दिया, 'खुशी मनाओ, हम जीत गए।' हालांकि, यह संदेश देने के बाद उनकी मौत हो गई थी।
सहमति
ब्रेल के तर्क के बाद मैराथन को शामिल किए जाने पर बनी सहमति
ब्रेल के तर्क के बाद इस पर लंबी चर्चा हुई और आखिरकार IOC प्रतिनिधियों ने न केवल सैनिक की शहादत के सम्मान में लंबी दूरी की दौड़ को शामिल करने पर सहमति जताई, बल्कि इसका नाम भी मैराथन रखने का फैसला किया।
पहले ओलंपिक की शुरुआत भी मैराथन से करने का निर्णय किया गया। उसके बाद 5 अप्रैल, 1896 को पहले ओलंपिक के पहले दिन दोपहर 2 बजे मैराथन दौड़ की शुरुआत हुई, जो तक भी जारी है।
पदक
स्पिरिडॉन लुईस ने जीता था पहली मैराथन का स्वर्ण पदक
1896 के एथेंस ओलंपिक की पहली मैराथन में 5 देशों के 25 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
इनमें से अधिकतर यूनानी यानि ग्रीक थे। इसमें यूनान के ही एथलीट स्पिरिडॉन लुईस ने 2:58:50 के समय के साथ दौड़ पूरी कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
इसी तरह यूनान के ही चारिलाओस वासिलाकोस ने 3:06:03 के समय के साथ रजत और यूनान के ही ग्युला केलनर ने 3:06:35 के समय के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया था।
बदलाव
1908 के ओलंपिक में मैराथन की दूरी में हुआ बदलाव
1896 से 1904 तक के ओलंपिक में आयोजित मैराथन दौड़ की दूसरी 25 मील यानी करीब 40 किलोमीटर रही थी, लेकिन इसके बाद इसमें बदलाव कर दिया गया।
1908 के लंदन ओलंपिक में मैराथन दौड़ की दूरी को बढ़ाकर 26.2 मील यानि 42.195 किलोमीटर कर दी गई।
उसके बाद से आज तक ओलंपिक की मैराथन में यही दूरी रखी जाती है। बता दें कि प्राचीन ओलंपिक में कोई भी दौड़ 5 किलोमीटर से अधिक की नहीं थी।