पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया: रावलपिंडी में खेले गए टेस्ट की पिच को ICC ने दिया डिमेरिट प्वाइंट
क्या है खबर?
रावलपिंडी में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टेस्ट की पिच की काफी ज्यादा आलोचना हुई थी। पिच काफी ज्यादा सपाट थी और मुकाबला नीरस तरीके से ड्रॉ में समाप्त हुआ था।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अब इस पिच को लेकर अपना फैसला सुनाया है और इसे एक डिमेरिट प्वाइंट दिया है। ICC ने पिच को औसत से भी खराब बताया है।
आइए जानते हैं पूरी खबर।
बयान
ऐसी पिच पर नहीं हो सकता गेंद और बल्ले में सही मुकाबला- मैच रेफरी
ICC ने अपनी रिलीज में बताया है कि मैच रेफरी रंजन मदुगले ने रावलपिंडी की पिच को औसत से नीचे बताया है और मैदान को एक डिमेरिट प्वाइंट दिया है।
मदुगले ने कहा, "पूरे पांच दिनों में पिच में बाउंस के अलावा और कोई बदलाव नहीं हुआ। पिच में तेज या स्पिन किसी गेंदबाज के लिए कोई मदद नहीं थी। मेरे हिसाब से ऐसी पिच पर गेंद और बल्ले में सही मुकाबला नहीं हो सकता है।"
रेटिंग देने का कारण
इस कारण दी जाती है पिचों को रेटिंग
ICC को हर अंतरराष्ट्रीय मैच के पिच और आउटफील्ड के प्रदर्शन की रेटिंग मिलती है। मैच रेफरी पिच को मार्क करते हैं।
बोर्ड के मुताबिक, "होस्ट नेशन को आगे की तैयारी के लिए निर्देश के तौर रेटिंग दी जाती है। यदि पिच या आउटफील्ड तय मानक के अनुसार नहीं होती है तो फिर होम बोर्ड को इसके लिए अपना पक्ष रखने का मौका मिलता है। खराब या अनफिट रेटिंग वाली पिच को मानक के विपरीत माना जाता है।"
खराब पिच
इस प्रकार की पिच को कहा जाता है खराब
ICC के मुताबिक जिस पिच पर बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए बराबर का मौका नहीं होता है उसे खराब करार दिया जाता है।
इसमें आगे कहा गया है, "यदि पिच बल्लेबाजों को अधिक मदद दे रही है और दोनों टीमों के गेंदबाज विकेट हासिल करने में असफल रहते हैं या फिर पिच गेंदबाजों को इतनी अधिक मदद देती है कि बल्लेबाजी करना बेहद कठिन हो जाता है तो पिच को खराब करार दिया जाएगा।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
यदि किसी पिच को खराब करार दिया जाता है तो उसे तीन डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं। पांच साल के अंदर किसी मैदान को पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं तो फिर वह एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट होस्ट नहीं कर सकेगा।