क्या पोंटिंग के नक्शेकदम पर चल रहे हैं कप्तान कोहली? पढ़िए दोनों कप्तानों का तुलनात्मक विवरण
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम को विराट कोहली के रूप में एक आक्रामक कप्तान मिल गया है।
पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने कप्तानी के मामले में बेहतरीन उदाहरण पेश किया था, लेकिन कोहली की कप्तानी का तरीक उनसे जुदा है।
कोहली जिस तरह की कप्तानी करते हैं कुछ वैसी ही 2000 की शुरुआत में रिकी पोंटिंग किया करते थे।
आइए जानते हैं कोहली और पोंटिंग की कप्तानी में क्या समानताएं हैं।
टेस्ट टीम
घर में अजेय है कोहली की टेस्ट टीम
2014 में कोहली के कप्तानी संभालने के बाद से ही भारतीय टीम ने लंबे फॉर्मेट में अपना दबदबा बनाया है।
कोहली जिस तरह की कप्तानी करते हैं उसे देखकर हमें 2000 के उस दौर की याद आ जाती है जब ऑस्ट्रेलिया अपने घर में अजेय हुआ करती थी।
2004 से 2008 के बीच ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर में 10 टेस्ट सीरीज़ जीती थी।
गौरतलब है भारत भी 2015 से अब तक अपने घर में 10 टेस्ट सीरीज़ जीत चुका है।
तेज गेंदबाजों का समर्थन
अपने तेज गेंदबाजों को सपोर्ट करते हैं कोहली
ऑस्ट्रेलिया को हर फॉर्मेट में उनकी खतरनाक गेंदबाजी के लिए जाना जाता है।
ग्लेन मैक्ग्राथ, ब्रेट ली, मिचेल जॉनसन और शेन वॉर्न जैसे गेंदबाजों को पोंटिंग के समय में काफी समर्थन मिला था।
लगभग पोंटिंग की ही तरह कोहली खास तौर से अपने तेज गेंदबाजों को काफी ज़्यादा सपोर्ट करते हैं।
हालिया मैचों की बात करें तो टीम में तेज गेंदबाजों ने जितना योगदान दिया है वह बल्लेबाजों से कहीं ज़्यादा है।
आक्रामकता
कोहली के खेल को सूट करती है आक्रामकता
पूर्व ऑस्ट्रेलिया कप्तान के पास अकेले दम पर मैच जीतने की क्षमता थी।
बेहद आक्रामकता के साथ मैच को खत्म करने के लिए लगाए गए उनके जोर ने ऑस्ट्रेलिया को कई मैच जिताए हैं।
कोहली का बेस्ट भी आक्रामक होने पर ही निकलता है। 2014 एडिलेड टेस्ट के दौरान 363 के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने खतरनाक मिचेल जॉनसन के खिलाफ जो काउंटर अटैकिंग बल्लेबाजी की थी वह काबिलेतारीफ थी।
बल्लेबाजी
कप्तान बनने के बाद आया कोहली की बल्लेबाजी में बदलाव
पोंटिंग ने हमेशा बेहतरीन स्ट्रोक-प्ले के साथ बल्लेबाजी की है।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया का कप्तान बनने के बाद उनकी बल्लेबाजी में और निखार आया था।
2005 से 2008 के बीच पोंटिंग ने टेस्ट में लगभग 70 की औसत से रन बनाए और 15 शतक लगाए।
कोहली के साथ भी ऐसा ही है और उन्होंने 7,240 टेस्ट रन में से 5,142 कप्तान के तौर पर बनाए हैं।
कप्तान के तौर पर कोहली का औसत 61.21 उनके करियर औसत 53.62 से ज़्यादा है।
क्या आप जानते हैं?
पिछले साल कोहली ने कप्तान के तौर पर लगाया था 41वां शतक
कोहली ने 2019 में पोंटिंग के कप्तान के तौर पर लगाए सबसे ज़्यादा शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। दोनों के नाम कप्तान के तौर पर 41 शतक हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में पोंटिंग ने 71 और कोहली ने 70 शतक लगाए हैं।
रिकॉर्ड
पोंटिंग के पदचिन्हों पर चल रहे हैं कोहली
55 में से 33 मैच जीतकर कोहली ने धोनी को पीछे छोड़ दिया है और भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन गए हैं।
पोंटिंग ने भी ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज़्यादा टेस्ट जीतने वाला कप्तान बनने के बाद करियर खत्म किया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 48 टेस्ट जिताए हैं।
दोनों महान खिलाड़ियों में काफी समानताएं हैं और पोंटिंग की तरह कोहली भी सबसे बेस्ट कप्तानों में से एक बनेंगे।