महान भारतीय फुटबॉलर और क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी का 82 साल की उम्र में निधन
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में बंद भारत के लिए पिछले दो दिन काफी दुखद रहे हैं।
पिछले दो दिनों में बॉलीवुड के दो बड़े सितारे इरफान खान और ऋषि कपूर इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।
अब एक और दुखद समाचार आ रहा है। दरअसल, भारतीय फुटबॉल के लेजेंड चुन्नी गोस्वामी का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है।
उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
खिलाड़ी
फुटबॉल और क्रिकेट दोनों के कुशल खिलाड़ी थे गोस्वामी
गोस्वामी उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने ऊंचे लेवल पर एक से अधिक खेल खेला था।
वह केवल महान भारतीय फुटबॉलर ही नहीं थे बल्कि उन्होंने 1971-72 रणजी सीजन के फाइनल में बंगाल की कप्तानी भी की थी।
गोस्वामी ने भारतीय फुटबॉल टीम के लिए 50 मैच खेलने के अलावा बंगाल के लिए 46 फर्स्ट-क्लास क्रिकेट मैच भी खेले थे।
उनका फुटबॉल करियर 1956-64 तो वहीं क्रिकेट करियर 1962-73 तक चला था।
फुटबॉल
भारतीय टीम के साथ सफलता हासिल कर चुके हैं गोस्वामी
1960 में रोम में हई ओलंपिक में वह भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। उस टीम ने फ्रांस के साथ ड्रॉ मैच खेला था।
सैय्यद अब्दुल रहीम की कोचिंग में इसी टीम ने 1962 में जकार्ता में अपना दूसरा और फाइनल एशियन फुटबॉल गोल्ड मेडल जीता था।
1964 में भारत AFC एशियन कप में दूसरे स्थान पर रहा था जो उनका इस टूर्नामेंट का बेस्ट है और गोस्वामी उस टीम के कप्तान थे।
जानकारी
मोहन बागान के साथ बिताया पूरा क्लब करियर
वह आठ साल की उम्र में मोहन बागान की जूनियर टीम के लिए खेले और 1968 में रिटायरमेंट तक उनके साथ ही रहे। उन्होंने 1960 से 1964 तक अपनी कप्तानी में क्लब को लगातार चार डूरंड कप और कोलकाता लीग टाइटल जिताया था।
ऑलराउंडर
क्रिकेट के मैदान में ऑलराउंडर थे गोस्वामी
क्रिकेट के मैदान में गोस्वामी ऑलराउंडर थे। वह दाएं हाथ की बल्लेबाजी करने के अलावा तेज गेंदबाजी करते थे और अपनी तेज इन स्विंग गेंदों के लिए मशहूर थे।
1968-69 में खेले रणजी फाइनल में उन्होंने 96 और 84 का स्कोर बनाया था, लेकिन अपनी कप्तानी में खेले फाइनल में वह फेल रहे थे।
बंगाल के लिए उन्होंने 57 विकेट लेने के साथ 1,592 रन बनाए जिसमें एक शतक शामिल है।