न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ से भारत को सीखनी चाहिए ये अहम चीज़े
भारत ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज़ के पांचवे मैच में 35 रनों से जीत दर्ज कर सीरीज़ पर 4-1 से कब्ज़ा कर लिया है। भारत के लिए सीरीज़ के चार मैचों में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने 9 विकेट लिए। जिसके लिए शमी को 'मैन ऑफ द सीरीज़' का खिताब भी मिला। वनडे सीरीज़ भले ही भारत ने अपने नाम कर ली है, लेकिन विदेशी परिस्थितियों में भारतीय टीम की कुछ कमजोरियां भी सामने आईं हैं।
हरी पिच के लिए तैयार नहीं हैं भारतीय बल्लेबाज़
2019 विश्व कप से पहले विदेशी परिस्थितियों में भारत की ये आखिरी वनडे सीरीज़ थी। इस सीरीज़ के चौथे वनडे मैच में स्विंग होती गेंद के सामने भारतीय बल्लेबाज़ों की एक न चली और पूरी टीम 92 रनों पर सिमट गई थी। विश्व कप इंग्लैंड में होना है, जहां गेंदबाज़ों को आसानी से स्विंग मिलेगी। ऐसे में भारतीय टीम प्रबंधन को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बल्लेबाज़ों को स्विंग होती गेंदे खेलने के लिए तैयार करना चाहिए।
सही तेज़ गेंदबाज़ों का चयन
विश्व कप से पहले भारत को अब सिर्फ पांच वनडे खेलने हैं। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ में बुमराह की गैर-मौजूदगी में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने शानदार प्रदर्शन किया। शमी ने चार मैचों में 9 विकेट लिए। ऐसे में बुमराह की वापसी के बाद टीम प्रबंधन की मुश्किले बढ़ने वाली है। इंग्लैंड में अगर भारत दो तेज़ गेंदबाज़, एक तेज़ गेंदबाज़ ऑलराउंडर और दो स्पिन गेंदबाज़ के साथ उतरता है, तो उसे सही तेज़ गेंदबाज़ों का चयन करना होगा।
विश्व कप से पहले चार नंबर का भारतीय टीम को निकालना होगा तोड़
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में जीत के बाद कप्तान कोहली ने रायडू को चार नंबर का पर्फेक्ट बल्लेबाज़ बताया था। वहीं रोहित ने धोनी को चार नंबर पर अपनी पहली पसंद बताया था। रायडू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फेल रहे थे, लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ रन बनाकर उन्होंने दावेदारी पेश की है। भारत पिछले दो सालो में चार नंबर पर कई बल्लेबाज़ों को आज़मा चुका है। खैर, टीम प्रबंधन को विश्व कप से पहले चार नंबर का तोड़ निकालना होगा।
'कुलचा' के साथ टीम का चयन
कुलचा यानी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने एक साथ खेलकर 30 से कम मैचों में 100 से ज़्यादा बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया है, लेकिन पिछले तीन महीनों में सिर्फ चार बार ही दोनों गेंदबाज़ साथ खेले हैं। इंग्लैंड में ये जोड़ी भारत के लिए काफी कारगार साबित हो सकती है। ऐसे में टीम प्रबंधन को इस बारे में ज़रूर सोचना चाहिए कि कैसे ये दोनों खिलाड़ी एक साथ टीम के लिए खेलेंगे।