#Flashback: जानिए क्रिकेट के मैदान पर कब-कब हुई नस्लीय टिप्पणियां
दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच मंगलवार को खेले गए दूसरे वनडे में सरफराज़ अहमद ने अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी एंडिले फेहलुकवायो पर नस्लीय टिप्पणी की, जो स्टंप माइक में रिकॉर्ड हो गई। इसके बाद क्रिकेट में एक बार फिर नस्लीय या रंगभेदी टिप्पणी को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। फिलहाल सरफराज़ ने ट्वीट कर फेहलुकवायो से माफी मांगी है। आज हम आपको बताते हैं कि इससे पहले कब क्रिकेट में इस तरह के विवाद हुए।
जब डीन जोंस ने हाशिम आमला को कहा 'आतंकवादी'
2006 में दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी डीन जोंस ने कमेंट्री करने के दौरान अफ्रीका के खिलाड़ी हाशिम आमला को 'आतंकवादी' कहा था। दरअसल कोलंबो में खेले जा रहे टेस्ट में जब तेज़ गेंदबाज़ शॉन पोलाक की गेंद पर आमला ने श्रीलंका के महान बल्लेबाज़ कुमार संगाकारा का क्लोज़ कैच पकड़ा, तो डीन जोंस ने कहा था, "आतंकवादी को एक और विकेट मिला।"
ऑस्ट्रेलिया का फेमस मंकी गेट विवाद
2008 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट में भारत की पारी के दौरान हरभजन और साइमंड्स के बीच कुछ नोक झोंक हुई। इसके बाद दिन का खेल खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हरभजन के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कर दी। दरअसल ऑस्ट्रेलिया ने आरोप लगाया कि हरभजन ने साइमंड्स को मंकी कहा। जिसे ऑस्ट्रेलिया में रंग भेदी टिप्पणी माना जाता है। इसके बाद हरभजन पर 3 टेस्ट मैच का बैन लगा था, जिसे बाद में हटा दिया गया।
ज़िम्बाबवे के खिलाड़ी ने अपने ही बोर्ड के डायरेक्टर पर लगाया नस्लीय टिप्पणी का आरोप
ज़िम्बाबवे क्रिकेट में काले और गोरे की लड़ाई बहुत पुरानी है। लेकिन ये मुद्दा 2015 विश्व कप के बाद फिर गहराया जब प्रोस्पर उत्सेया ने बोर्ड के एम डी एलेस्टर कैंपबेल पर नस्लीय टिप्पणी का आरोप लगाया। दरअसल उत्सेया ने आरोप लगाया कि उनके काले होने की वजह से कैंपबेल ने उन्हें पूरे टूर्नामेंट में प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया। इसके बाद ज़िम्बाबवे के पूर्व खिलाड़ी वरमुलेन ने फेसबुक पर पोस्ट लिख कर काले लोगों को बंदर कहा था।
वरमुलेन को विवादित पोस्ट की वजह से कर दिया गया बैन
ज़िम्बाबवे के पूर्व खिलाड़ी वरमुलेन का काले लोगों पर फेसबुक पोस्ट उनके बैन का कारण बना। वरमुलेन की इस पोस्ट के बाद उन्हें ज़िम्बाबवे क्रिकेट के सभी एक्शन से बैन कर दिया गया।
जब ब्रायन लारा ने केन्या टीम पर की नस्लीय टिप्पणी
1996 विश्व कप में जब केन्या ने वेस्टइंडीज़ को हराया था, तो वेस्टइंडीज़ की हार से ज़्यादा ब्रायन लारा अपनी एक हरकत के कारण सुर्खियों में थे। वेस्टइंडीज़ की हार के बाद आउटलुक मैगज़ीन ने एक स्टोरी में लिखा, हार के बाद लारा केन्या टीम के ड्रेसिंग रूम में गए और कहा, 'तुम लोगों से हारना बुरा नहीं है दोस्त, क्योंकि तुम लोग काले हो।' हालांकि लारा ने बाद में कहा कि वो उन्हें जीत की बधाई देने गए थे।
नस्लीय टिप्पणी पर क्या है ICC का नियम?
नस्लीय टिप्पणी पर ICC के आधिकारिक रुख में कहा गया है, "ऑन-फील्ड नस्लवाद को सबसे गंभीर कृत्यों में से एक माना जाता है। इस मामले में दोषी पाए गए खिलाड़ी को आजीवन बैन भी किया जा सकता है।"